लखनऊ। महिलाओं में बढ़ रही बांझपन की समस्या का एक कारण थायराइड भी है। महिलाओं को तेजी से थायराइड होने की वजह है कि फाइबर युक्त और कम वसा वाले भोजन नहीं खा रही हैं। इसके अलावा शारीरिक गतिविधि का ना करना और तनाव से भी थायराइड की समस्या होती है।
शोध में हुआ था यह खुलासा
महिलाओं में अक्सर देखा गया है कि बार-बार गर्भपात और अनियमित मासिक धर्म की समस्या रहती है। थायराइड में हार्मोन असंतुलन से वजन बढऩे लगता है। वर्ष 2018 में उत्तर भारत में शोध किया गया था। इसके मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड 10 गुना अधिक होता है। इसका मुख्य कारण महिलाओं में ऑटोइम्यून (ऐसी अवस्था जिसमें इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है) की समस्या ज्यादा होना है। यह शोध श्रीराम चंद्र मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट चेन्नै के इंडोक्रीनोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रीराम महादेवन के नेतृत्व में चंडीगढ़ में हुआ था।
महिलाएं नहीं बन पाती मां
शोध के मुताबिक थायराइड से ग्रसित 35 फीसदी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं और 12 फीसदी थायराइड की शिकार महिलाएं सब-फर्टिलिटी (गर्भवती होने की संभावना घटने) का शिकार हो जाती हैं। इसी तरह 11 फीसदी ऐसी महिलाएं हैं जो गर्भ तो धारण कर लेती हैं लेकिन या तो गर्भ बढ़ता नहीं है या फिर गर्भपात हो जाता है।
दो तरह का थायराइड
क्वीन मेरी की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसपी जैसवार ने बताया कि थायराइड दो तरीके का होता है। हाइपो थायरायड टीएसएच (थायराइड स्टिम्यूलेटिंग) हार्मोन बढऩे से होता है। हाइपो थायराइड होने पर महिला में खून की कमी, प्रसव के बाद अधिक खून का रिसाव, मोटापा और नसों का कमजोर होना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। हाइपर थायरायड टी-3 और टी-4 हार्मोन बढऩे से होता है। हाइपर थायराइड वाले मरीज काफी एक्टिव होते हैं। लिहाजा वे दुबले-पतले मिलेंगे। उनमें हार्ट फेल होने, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर होने का खतरा रहता है।
ध्यान देने की जरूरत
क्वीनमेरी की डॉ. सुजाता देव ने बताया थायराइड पीडि़त महिलाओं पर प्रसव के समय और बाद में बहुत ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वह हाई रिस्क में होती हैं। थायराइड समस्याओं का सबसे आम कारण ऑटोइम्यून थायराइड रोग (एआईटीडी) है। यह वंशानुगत स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न करती है। ये थायराइड ग्रंथियों को अधिक हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करती हैं।
ये हैं थायराइड के लक्षण
हाइपर थायरायड में वजन घटना, गर्मी लगना, नींद न आना, प्यास लगना, अत्याधिक पसीना आना, हाथ कांपना, तेजी से दिल धड़कना, कमजोरी, चिंता शामिल है।
हाइपो थायरायड में सुस्ती, थकान, कब्ज, धीमी हृदय गति, ठंड, सूखी त्वचा, बालों में रूखापन, अनियमित मासिकचक्र और इनफर्टिलिटी के लक्षण दिखते हैं।