लखनऊ। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश सरकार बेहतर काम कर रही है। इसी क्रम में सरकार मुंह के होने वाले कैंसर को लेकर काफी प्रयास कर रही है। उत्तर भारत के ज्यादातर लोग मुंह के कैंसर से पीडि़त है ऐसे लोगों को जागरूक किया जाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दंत रोग विशेषज्ञ के और अधिक पद सृजित किए जाने की आवश्यकता है। यह बातें स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कही। वे केजीएमयू और इंडियन डेंटल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में नेशनल कांफ्रेंस के आयोजन पर कही।
देश-विदेश के 20 डॉक्टर कहेंगे अपनी बात
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मरीज की ओरल हेल्थ में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने कहा कि देश की पूरी जनसंख्या का शारीरिक तौर पर स्वस्थ एवं सुदृढ़ रहना बहुत जरूरी है, इसमें ओरल हेल्थ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विभाग के प्रोफेसर अनिल चंद्रा ने बताया कि देश और विदेश से प्रतिभाग करने आए 20 से अधिक वक्ता अगले 3 दिन में अपने वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे, जिसमें इंडोनेशिया, इजिप्ट, टोक्यो और इटली से आए वक्ता प्रमुख रूप से सम्मेलन में भाग करेंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड दिल्ली एवं पंजाब के 400 से अधिक विद्यार्थियों और प्रतिनिधि भाग लेंगे।
डेंटल वैन की मांग
इस दौरान इंडियन डेंटल एसोसिएशन के सचिव सचिन प्रकाश ने डेंटल सर्जन्स की मांग करते हुए उनके पदों की भी मांग की। डॉ. मुरारी शर्मा ने ग्रामीण स्वास्थ्य को सुदृढ़ किए जाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री से डेंटल वैन की मांग की। इस अवसर पर एसके कटारिया और डॉ जनक राज सब्बरवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के समापन पर इंडियन डेंटल एसोसिएशन के सचिव डॉ. रमेश भारती ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में अधिष्ठाता दंत संकाय डॉ. शादाब मोहम्मद प्रोफेसर एपी टिक्कू मौजूद थे।