लखनऊ। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा में हुई मारपीट के बाद कॉलेज प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। नशे की हालत में एक-दूसरे से मारपीट के बाद छह चिकित्सकों को केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसएन. शंखवार ने निलंबित कर दिया है। गौरतलब है कि 10 डॉक्टरों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
डॉ. शंखवार ने की कार्रवाई
केजीएमयू में चिकित्सकों ने आपस में मारपीट की थी, जिससे वहां का माहौल खराब हो गया था। इससे नाखुश यूनिवर्सिटी के कुलपति एवं कुलसचिव ने कार्रवाई की बात की थी। इस मामले की जांच मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्तर से की गई। प्रारम्भिक जांच के बाद डॉ. शंखवार ने डॉ. कृष्णपाल सिंह परमार, डॉ. राहुल शुक्ला, डॉ.मयंक, डॉ. प्रद्युम्न, डॉ. अनुश्रव राव, डॉ. शुभम दोषी पाते हुए निलंबन की कार्रवाई की है।
मुकदमा लिखवाया
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में बीती शनिवार की रात्रि मेडिसिन एवं ऑर्थो विभाग के चिकित्सक आपस में विवाद कर मारपीट करने लगे और बाद में वहां तोडफ़ोड़ भी की। इसके बाद चीफ प्रॉक्टर की ओर से घटना के संबंध में चौक थाना में तहरीर देकर मुकदमा लिखवाया गया, जिसमें चिकित्सकों के शराब पीने और मारपीट करने की बात कही गयी थी।
ये किए गए संस्पेंड
मामले में केजीएमयू प्रशासन ने आर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर राहुल शुक्ला, शुभम, अनुश्रव राव और मेडिसिन विभाग के डॉ. मयंक, प्रद्युम्न मॉल, कृष्ण पाल सिंह परमार को संस्पेंड कर दिया है।
बर्थडे पार्टी के बाद शुरू हुआ बवाल
प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक, आर्थोपेडिक विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर बर्थडे पार्टी मना रहे थे। इस दौरान रेजीडेंट डॉ. रजनीश और डॉ. प्रांजल शराब के अधिक सेवन से बेहोश हो गए। पार्टी में मौजूद अन्य रेजीडेंट डॉ. शुभम सिंह, डॉ. राजीव शुक्ला, डॉ. धीरेंद्र वर्मा, डॉ. आदर्श सेंगर, डॉ. अनुश्रव व डॉ. रोहित जो कि खुद नशे में थे, दोनों को लेकर पहुंचे। ट्रॉमा सेंटर के द्वितीय तल स्थित इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में बेसुध रेजीडेंट को भर्ती कराया। यहां इलाज के दरम्यान आर्थोपेडिक और मेडिसिन के डॉक्टरों में कहासुनी हो गई। बात बढऩे पर मेडिसिन विभाग के अन्य डॉक्टर भी वहां पहुंच गए और मारपीट शुरू हो गई।
पर्चा बनवाने को लेकर हुआ था विवाद
चर्चा है कि डॉक्टरों ने नशे में आए डॉक्टरों का पर्चा बनवाने के लिए कहा था। यह उन्हें नागवार गुजरा और उन लोगों ने खुद को भी डॉक्टर होने का हवाला दिया। इसी दरम्यान मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट ने वीडियो बनाना शुरू किया। इसके लेकर आर्थोपेडिक के डॉक्टरों में कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद आरोपितों ने वार्ड के गेट का शीशा और नर्सिंग स्टेशन पर तोडफ़ोड़ की। कंप्यूटर तोड़कर मरीजों की फाइलें फेंक दीं और एक महिला चिकित्सक से अभद्रता भी की। आर्थोपेडिक व मेडिसिन विभाग दोनों में भर्ती करीब 80 मरीजों की जिदंगी दांव पर रही और इलाज ठप रहा। पुलिस बल के साथ केजीएमयू के प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा, ट्रॉमा सेंटर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार रात में ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां सुबह चार बजे तक बंद कमरे में डॉक्टरों से पूछताछ होती रही।