आरबीएसके के तहत लांच एप के द्वारा 403 बच्चों का उपचार कराकर जिला दूसरे स्थान पर
उन्नाव। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत बच्चों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए पिछले माह 6 मई को परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग एप लांच किया गया। इस एप के जरिये उन्नाव जिले ने 403 बच्चों का इलाज कराकर दूसरा स्थान व प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है। इसकी सराहना स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह द्वारा भी की गयी है।
बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
यह एप आंगनबाड़ी केन्द्रों व सरकारी स्कूलों के बच्चों का परीक्षण कर 38 गंभीर बीमारियों पर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में उन सभी का ऑपरेशन करवाने की जिम्मेदारी उठाता है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 6 माह से 6 साल तक के बच्चों व सरकारी स्कूलों में 6 साल से 19 साल तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
प्रदेश में 7,857 बच्चों का इलाज किया
आरबीएसके मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर सोल्यूशन के राज्य स्तरीय प्रोग्राम मैनेजर अनुपम श्रीवास्तव बताते हैं कि राज्य के कई जिलों में यह शिकायत आई कि बच्चों के चिन्हांकन के बाद उनके इलाज में देरी हो रही है। इन शिकायतों को दूर करने के उद्देश्य से इस एप को लांच किया गया। इस एप से स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग व बाल विकास तथा पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जनपद की सभी मोबाइल टीमें जुड़ी हैं। अनुपम जी ने बताया कि 12 जून तक प्रदेश में 21,992 बच्चों को एप के द्वारा संदर्भित किया जा चुका है जिसमें से 7,857 बच्चों का इलाज किया जा चुका है व 3,128 बच्चों का इलाज चल रहा है।
390 बच्चों का चल रहा इलाज
उन्नाव के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटेर्वेंशन सेंटर मैनेजर सलमान ने बताया कि 6 मई से अभी तक जिले में 1052 बच्चों को संदर्भित किया गया है जिसमें से 403 का इलाज किया जा चुका है, 390 बच्चों का इलाज चल रहा है तथा 259 केस लंबित चल रहे हैं। इस एप के द्वारा अब अन्य विभागों का सहयोग भी मिल रहा है। चूंकि अधिकारियों की निगरानी भी इस एप के द्वारा की जा रही है इसलिए अब बच्चों को इलाज भी सही समय पर मिल रहा है।