लखनऊ। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) एप का असर यूपी में दिखना शुरू हो गया है। सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए तो यह कार्यक्रम किसी वरदान से कम नहीं। पोषण माह के पहले पखवाड़े में आरबीएसके एप के माध्यम से 1 सितम्बर से 15 सितम्बर तक पोषण संबंधी बीमारियों से ग्रसित बच्चों को संदर्भित किया गया।
विटामिन ए की कमी
आरबीएसके एप के जरिये पोषण माह के पहले पखवाड़े (1 से 15 सितंबर) में उत्तर प्रदेश में 8405 बच्चे संदर्भित किए गए हैं। इसमें अधिकांश बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई गई है। जबकि कुछ बच्चों में विटामिन ए, खून और विटामिन डी की कमी पाई गई है।
यूपी में 1052 बच्चे अति कुपोषित
इसमें 4953 बच्चे विटामिन ए की कमी (बिटोट स्पॉट) से ग्रस्त मिले जबकि 1822 बच्चों में गंभीर खून की कमी पाई गई। वहीं पूरे यूपी में 1052 बच्चे अति कुपोषित मिले जबकि 364 बच्चे विटामिन डी की कमी रिकेट्स से ग्रस्त पाये गए। इसी तरह 183 बच्चे बहुत दुबले और 31 बच्चे मोटापे से ग्रस्त पाये गए। इन सभी बच्चों की स्क्रीनिंग कर तत्काल उन्हें संदर्भित कर दिया गया है।
38 प्रकार की जन्मजात बीमारियों की स्क्रीनिंग
महाप्रबंधक आरबीएसके डॉक्टर मनोज शुकुल ने बताया कि एप आने से बच्चों की समस्याओं की स्क्रीनिंग और रेफरल प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। इस एप के जरिये 38 प्रकार की जन्मजात बीमारियों की स्क्रीनिंग और रेफरल किया जाता है। जल्द ही आरबीएसके टीम बच्चों में टीबी और कुष्ठ रोग की भी स्क्रीनिंग करेगी। उन्होंने बताया कि लक्षण मिलने पर बच्चों का पहले सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क इलाज किया जाता है। आवश्यकता पडऩे पर उनको राज्यस्तरीय अस्पतालों में भी रेफर किया जाता है।
यह है आरबीएसके एप
आरबीएसके के तहत बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी करने के उद्देश्य से मई में परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग एप लांच किया गया। इससे बच्चों की स्क्रीनिंग और रेफेरल बहुत आसान हो गई है। आरबीएसके टीम अपने आने की सूचना दो दिन पहले प्रधानाध्यापक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता देती हैं। फिर बच्चे की फोटो के साथ दौरे की पूरी रिपोर्ट इस एप पर अपलोड की जाती है। जो कि जिला प्रशासन भी देख सकता है। इस एप में दर्ज बच्चों का लगातार फॉलोअप किया जाता है। एप में कुल 38 बीमारियों का विवरण दर्ज है। बच्चा किन-किन बीमारियों से ग्रस्त हैं, इसका विवरण एप में दर्ज होता है। साथ ही कितने बच्चे संदर्भित किए गए हैं इसका विवरण भी एप में दर्ज होता है।