लखनऊ। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने पांच सूत्रीय मांग पत्र पर उचित कार्रवाई ना होने के चलते शुक्रवार को सभी जिलों में जिला इकाई ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर मेरठ, बांदा, इलाहाबाद, हमीरपुर, लखनऊ, गोरखपुर, बस्ती सहित तमाम जिलों में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया।
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने क्रमबद्ध आंदोलन में आज ज्ञापन के बाद 21 फरवरी से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। जल्द ही कर्मचारी संगठन की मांगों को निराकरण नहीं किया गया तो प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय, ट्रामा सेंटर सीएचसी, पीएचसी, एसजीपीजीआई, केजीएमयू, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के लगभग 3 लाख आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी कार्य बहिष्कार करने को मजबूर होंगे।
21 फरवरी को पूर्णकालिक कार्य बहिष्कार का निर्णय
प्रदेश नेतृत्व ने 21 फरवरी को पूर्णकालिक कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है जो हर जिले में होगा। संघ ने पांच सूत्री मांग में न्यूनतम वेतन 18000, समान कार्य समान वेतन, विभागीय संविदा पर समायोजन, विभिन्न अवकाश तथा आउटसोर्सिंग नीति की मांग रखी गई है। सितंबर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन इको गार्डन में किया गया था जिस पर 1 माह का समय शासन द्वारा मांगा गया था। अबतक 4 माह के बाद भी अभी तक कोई भी मांग पूरी नहीं की गई। प्रदेश के चिकित्सालयों में हड़ताल होने पर सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।