लखनऊ। स्वाइन फ्लू से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में इससे पीडि़त 13 नए मामले सामने आए हैं। वहीं एक निजी अस्पताल में स्वाइन फ्लू से पीडि़त एक महिला की मौत हो गई है। मौत के बाद परिजनों ने बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस मामले में पीडि़त परिजन मुख्यमंत्री से बलरामपुर अस्पताल के अफसरों, डॉक्टरों की शिकायत करने की बात कही है।
नहीं लिया था जांच के लिए नमूना
ऐशबाग निवासी महिला को तीन मार्च को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तीमारदारों क आरोप है कि रोज एक नया डॉक्टर हमारे मरीज को देखता था और दवा लिख देते थे। मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और हालत और बिगड़ गई। इस बात की जानकारी अस्पताल के अधिकारियों को भी दी गई लेकिन इस बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। तीन दिन तक भर्ती रहने के बाद भी लक्षण के आधार पर स्वाइन फ्लू जांच के लिए नमूना नहीं लिया गया।
यहां हुई स्वाइन फ्लू की पुष्टि
बलरामपुर अस्पताल में लापरवाही देखकर परिवारीजन पीडि़त महिला को निजी अस्पताल ले गए। निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों ने महिला का नमूना लेकर जांच के लिए भिजवाया। जहां पर स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। महिला की हालत काफी गंभीर हो जाने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटीलेटर पर भर्ती किया। गोमती नगर स्थित निजी अस्पताल में बुधवार को महिला ने दम तोड़ दिया। आरोप है कि समय पर बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच कराई होती तो मरीज की जान बच सकती थी।
ये आए स्वाइन फ्लू की चपेट में
डिप्टी सीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि मोहनलालगंज के डीएलएफ के पांच माह के मासूम, कृष्णा नगर की बच्ची (नौ) और वृंदावन योजना के बच्चे (14) के साथ ही एलडीए कॉलोनी सेक्टर-डी वन की युवती (28), इन्दिरा नगर तकरोही की युवती (33) व आशियाना एलडीए कॉलोनी की महिला (56) को स्वाइन फ्लू हुआ है। वहीं, जानकीपुरम गुडिय़न पुरवा के वृद्ध (62), इन्दिरा नगर के बुजुर्ग (71), तेलीबाग खरिका के बुजुर्ग (65), गोमती नगर विजयंत खंड के युवक (24), गोमती नगर पत्रकारपुरम के युवक (29), मडिय़ांव श्रीनगर के पुरुष (56) और हिन्द नगर पुरुष (49) को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसमें सभी का इलाज घर पर चल रहा है।