लखनऊ। गुरुवार को चुनाव का परिणाम आने के बाद प्रत्याशियों में खुशी या गम का माहौल होगा। वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ. अनुरूद्ध वर्मा ने बताया कि चुनाव के बाद जहां कुछ नेताओं को खुशी के मारे नींद नहीं आएगी वहीं पर हारे हुए प्रत्याशी को चिंता के कारण नींद नहीं आएगी।
चुनाव में खर्च हुए अथाह धन के कारण भी हारे हुए नेता को आघात लग सकता है, कुछ नेता हार के कारण चिढचिढे हो सकते हैं तो कुछ को हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है यहां तक की चुनाव हारने के बाद कुछ नेताओं में आत्महत्या करने की इच्छा भी होने लगती है।
ऐसा हो सकता है
उन्होंने बताया कि चुनाव में हार के कारण कुछ नेता डिप्रेशन की चपेट में आ जाते हैं, गुमसुम रहने लगते हैं, कुछ करने की इच्छा नहीं करती है, कुछ लगातार तनाव में जीने लगते हैं। कुछ नेता चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं पर गुस्सा करने लगते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं तथा उनमें नकारात्मक भाव उत्पन्न हो जाता है। कुछ नेताओं में चुनाव हारने के बाद उन्माद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कुछ नेता चुनाव हारने के बाद अपने को अपमानित महसूस करने लगते हैं तथा समाज से कटने लगते हैं।
योग, प्राणायाम करें
डॉ. वर्मा ने बताया कि चुनाव के बाद यदि नेता में किसी भी प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानी उत्पन्न होती है तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि होम्योपैथी में अनेक औषधियां हैं जो इन परेशानियों को दूर करने में कारगर है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार की समस्याओं के लिए होम्योपैथिक दवाइयां खायें और चुनाव के बाद की परेशानियों से निजात पायें। उन्होंने बताया कि यदि चुनाव के बाद किसी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक की परामर्श लेकर औषधियों का सेवन करें। उन्होंने सलाह दी की चुनाव के बाद योग, प्राणायाम एवं ध्यान की तकनीक अपनाकर मन को स्वस्थ रखना चाहिए।