लखनऊ। कई बार ऐसा होता है कि आपको चक्कर या उल्टी की शिकायत रहती है। यह परेशानी आपके सिर से संबंधित नहीं हो सकती है। हो सकता है कि कान की परेशानी हो। कभी-कभी कान में संतुलन बिगडऩे से भी मरीज को चक्कर आ जाता है। लेकिन बाजार में जल्द ही एक ऐसा उपकरण आने वाला है जिससे मरीज बिना सहारे के चल-फिर सकता है। इस उपकरण को वेस्टीबुलर असिस्टिव कहते हैं। जल्द ही यह उपकरण बाजार में उपलब्ध होगा। यह जानकारी नीदरलैंड के डॉ. हरमैन किंग्मा ने दी।
शरीर का संतुलन बनाए रखने में करता है मदद
वह सोमवार को केजीएमयू में ओटोराइनोलैरिंगोलॉजी एंड हेड, नेक सर्जरी (ईएनटी) विभाग की ओर से आयोजित प्रो. आरएन मिश्रा मेमोरियल ओरेशन को संबोधित कर रहे थे। नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. हरमैन किंग्मा ने बताया कि खड़े होने, चलने, उठने-बैठने के दौरान कान का एक हिस्सा (वेस्टीबुलर सिस्टम) शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। चोट लगने, संक्रमण या दूसरे कारणों से वेस्टीबुलर सिस्टम गड़बड़ा जाता है। इससे संतुलन की परेशानी शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में बीमारी का सटीक इलाज है। पर, मरीज ईएनटी विशेषज्ञ के पास नहीं आते। वह इसे सिर की बीमारी मानकर न्यूरोलॉजिस्ट से इलाज कराते हैं।
यहां इस्तेमाल करना है मशीन
मरीजों को चक्कर आने व चलने-फिरने आदि में परेशानी से बचाने के लिए खास तरह का उपकरण खोजा गया है। वेस्टीबुलर असिस्टिव उपकरण की मदद से मरीज सामान्य लोगों की तरह चल-फिर सकते हैं। इस उपकरण को पेट और कमर के हिस्से में पहन लिया जाता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह उपकरण बाजार में उपलब्ध होगा। केजीएमयू ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनुपम मिश्रा ने बताया कि उपकरण को कंप्यूटर आधारित इजाद किया गया है। जो शरीर के संतुलन के लिए संदेश भेजती है। शरीर को गिरने से बचाती है। डॉ. अनुपम ने बताया कि किसी मरीज को बार-बार चक्कर आए तो उसे दवा खाने के बाद तुरंत लेटना नहीं चाहिए, चलते-फिरते रहें ताकि हमारा दिमाग जल्दी इसे आसानी से ग्रहण कर ले।
दवाओं से बीमारी का सटीक इलाज
केजीएमयू ईएनटी विभाग के डॉ. वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि .5 प्रतिशत आबादी को संतुलन में गड़बड़ी संबंधी परेशानी है। उम्र बढऩे के साथ लोगों में यह परेशानी अधिक देखने को मिलती है। इसके कारण व्यक्ति चलने में लाचार होता है। चलने पर चक्कर आते हैं। लडख़ड़ा कर गिर पड़ता है। सामने की चीजें हिलती-डुलती नजर आती हैं। उन्होंने बताया कि दवाओं से बीमारी का सटीक इलाज है। इस बीमारी से पीडि़तों को आराम से ज्यादा चलने-फिरने पर ध्यान देना चाहिए।