डेस्क। आप लोगों को अब तक यही पता होगा कि इमरजेंसी मरीजों की जान बचाने का जिम्मा सिर्फ अंग्रेजी डॉक्टरों के पास है। अब होम्योपैथिक डॉक्टर भी इमरजेंसी के मरीजों की जान बचा सकेंगे। यह बात राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में महाराष्ट्र से कोर सदस्य डा. सुरेखा फासे ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने वायदों पर अमल करते हुए स्वास्थ्य रक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने और गांवों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों समेत भारत की संपूर्ण जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से एनएमसी बिल 2017 पेश किया है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर एमबीबीएस डॉक्टर मिलते हैं, एमबीबीएस डॉक्टर कम ही प्रैक्टिस करने में दिलचस्पी रखते हैं। इस स्थिति में होम्योपैथिक और आईएसएम डॉक्टर, जिन्हें वास्तविक अर्थो में जनरल प्रैक्टिशनर माना जाता है, महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।