लखनऊ। बच्चों में एनीमिया के कई संभावित कारण है। एनीमिया अक्सर बीमारी की बजाय बीमारी का लक्षण होता है। एनीमिया एक आम रक्त विकार है जो तब होता है जब शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं।
तब होता है एनीमिया
लाल रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन का उपयोग करके पूरे शरीर में आक्सीजन ले जाती हैं। यदि इन कोशिकाओं या प्रोटीन में पर्याप्त मात्रा में नहीं है, तो एनीमिया होता है। कभी-कभी, एनीमिया अस्थायी होता है और पोषण की कमी या रक्त हानि के कारण होता है। कई बार, यह आनुवांशिक विकार, ऑटोइम्यून समस्याओं, कैंसर और अन्य बीमारियों सहित पुरानी स्थिति के कारण होता है। जबकि कई प्रकार के एनीमिया आसानी हो सकती हैं, कुछ प्रकार की एनीमिया बच्चों में गंभीर या जीवन को खतरे में डाल सकती हैं।
बाल चिकित्सा एनीमिया पर वर्कशॉप
उक्त बातें केजीएमयू के कलाम सेंटर में रविवार को बाल चिकित्सा एनीमिया पर सीएमई और साइटोजेनेटिक्स वर्कशॉप में बताई गई। यह वर्कशॉप प्रो. अमिता जैन की अध्यक्षता में किया गया। इसके सचिव डॉ. नीतू निगम, साइटोजेनिटिक यूनिट, सीएफएआर विभाग, डा. निशंत वर्मा, सहआचार्य, बालविभाग, डा. अभिषेक बंसल, सीक्रेटरी एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक और डा. विकास दुआ, कन्सलटेन्ट, फोर्टिश हास्पिटल गुडग़ांंव ने मिलकर आयोजन किया था।
डा. नीतू निगम ने दी यह जानकारी
इस प्रोग्राम में प्रो. अब्बास अली मेंहदी, कुलपति, एरा विश्वविद्यालय, को अतिथि का सम्मान किया गया। इस सीएमई वर्कशाप में डा. नीतू निगम ने साइटोजेनिटक्स विधि के से बच्चों में पायी जाने वाली खून की बीमारियों के निदान (डायग्नोसिस) के बारे में जानकारी दी। इस दौरान प्रो. रश्मि कुमार, प्रो. अर्चना कुमार, डॉ. एसपी वर्मा, डा. निशांत वर्मा और डा. विकास दुआ ने बाल एनीमिया के विभिन्न आयामों पर व्याख्यान दिया जिसमें शहर के 100 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया।