लखनऊ। केजीएमयू के कलाम सेंटर में माइक्रोबायोलॉजी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग और राज्य हेल्थ मिशन के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को हेपिटाइटिस के सही इलाज एवं निदान के लिए एक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुभारम्भ किया। इसमें प्रदेश के 13 जिलों से आए टेक्नीशियन एवं चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। 23 जुलाई को विश्व हेपिटाइटिस दिवस मनाया जाता है।
13 जिलों से डॉक्टर्स ने भाग लिया
इस उपलक्क्ष पर केजीएमयू में 23 जुलाई से 27 जुलाई तक कार्यशाला का आयोजन किया। यहां हेपिटाइटिस के सही इलाज को लेकर दूसरे शहरों से आए डाक्टरों को जानकारी दी जाएगी। इस कार्यशाला का आयोजन नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के द्वारा आयोजित किया गया। बता दें कि इस कार्यशाला में प्रदेश के 13 जिलों से डॉक्टर्स ने भाग लिया है उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी। वहीं इस कार्यक्रम में आईएएस श्रुति और केजीएमयू के वीसी एमएलबी भट्ट ने शिरकत की।
25 जुलाई को चिकित्सकों की भी ट्रेनिंग
केजीएमयू के वीसी एमएलबी भट्ट ने बताया कि विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा एनएचएम के सहयोग से हेपिटाइटिस बी और सी जितने प्रकार के हेपिटाइटिस है उनके डायग्नोसिस के लिए कार्यशाला आयोजित हुई है। जहां पर प्रदेश के 13 जिलों से टेक्निकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी को मॉडल सेन्टर के रूप में एनएचएम ने डेवलेप किया है उसके लिए एनएचएम का धन्यवाद भी किया है। इस माध्यम से 25 जुलाई को चिकित्सकों की भी ट्रेनिंग होगी। जिस माध्यम से डेढ़ मिलियन के आस-पास डेथ जो प्रतिवर्ष हेपिटाइटिस बी और सी की वजह से होती है उसे रोकने के लिए सशक्त माध्यम की शुरुआत हो चुकी है।