लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसी भी परिवार में पहली बार गर्भवती हो रही महिलाओं एवं धात्री माताओं को वित्तीय लाभ दिया जा रहा है। यह वित्तीय लाभ सरकार द्वारा चलाए जा रहे कंडीशनल मैटरनिटी बैनिफिट कार्यक्रम प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत है। गर्भवती महिलाओं के लिए संचालित इस योजना में नामांकन के मामले में उत्तर प्रदेश देश में अव्वल आया है।
देहरदून में हुए कार्यक्रम प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान को दूसरे और तीसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में एक साल में 48.11 लाख महिलाओं और 1 से 7 सितंबर के बीच 111541 महिलाओं का पंजीकरण किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रदेश में इस योजना में हो रहे कार्यों की सराहना की और राष्ट्र में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रथम स्थान पाने पर इस योजना में कार्य कर रहे सिफ्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के राज्य, जिला एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारियों, एएनएम एवं आशा बहुओं को बधाई दी।
अल्पपोषण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है
उत्तर प्रदेश में अधिकांश महिलाओं में अल्पपोषण उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह स्थिति गर्भावस्था एवं नवजात शिशु को दूध पिलाने की अवधि में अत्याधिक प्रभावी होती है। उत्तर प्रदेश में हर तीसरी महिला अल्पपोषित है। अल्पपोषित महिला गर्भावस्था के उपरान्त कम वजन के शिशु को जन्म देती है। नवजात में पोषण की कमी महिला के गर्भधारण से ही प्रारंभ होती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत प्रदेश के समस्त जिलों में मातृत्व लाभ कार्यक्रम को लागू किया जा रहा है।
8,35,947 लाभार्थी पोर्टल पर पंजीकृत
15 सितंबर तक 8,35,947 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभ के लिए पोर्टल पर पंजीकृत कर लिया गया हैए जिनमें से 8,20,000 पंजीकृत महिलाओं के खातें में सीधे धनराशि प्रेषित की जा चुकी है। लाभार्थियों को योजना का लाभ तीन चरणों में किश्तों के माध्यम से होता है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक कुल 223.83 करोड़ की धनराशि लाभार्थियों के खातों में भेजी जा चुकी हैं।