डेस्क। क्या आप मोटापे से परेशान हैं। आए दिन इस समस्या को लेकर लोग डॉक्टरों के चक्कर लगाते हैं। या लोग एक्सरसाइज करते हैं। हर उम्र के लो इस समस्या से परेशान हैं। अक्सर लोग मोटापे को नियंत्रित करने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जी आई) कम करने पर जोर दे रहे हैं। अगर आप जी आई नहीं समझ पाए तो हम आपको बता दें कि जी आई है क्या। जो हम खते हैं उसमें कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा देता है। जब खाना पाचनतंत्र में जाता है तो कार्बोहाइड्रेट शुगर में टूट जाता है और रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। ये गतिविधियां कितनी तेजी से होती हैंए इसकी माप जी आई के माध्यम से की जाती है।
अगर कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना बहुत जल्दी टूटकर ग्लूकोज बन जाए और तेजी से रक्त में मिल जाए तो वह ज्यादा जीआई वाला खाना है। अगर खाना धीरे-धीरे टूटकर ग्लूकोज में परिवर्तित होता है और धीमी गति से रक्त में मिलता है तो वह कम जीआई वाला खाना है।
ज्यादा जीआई वाले खाने की बजाय कम जीआई वाला खाना खाएं, जैसे सफेद पॉलिश चावल की बजाए ब्राउन राइस लें। बादाम, चना दाल, दही, दूध, पनीर, संतरा, पपीता, आम, तरबूज, केला आदि कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ हैं।
किसी भी खाने का जीआई 55 या इससे कम है तो वह खाना धीरे-धीरे पचता है और इससे ज्यादा समय तक पेट भरे होने का एहसास रहता है। अगर किसी खाने का जीआई 70 या इससे अधिक है तो जल्दी भूख लगती है और इससे ज्यादा खाना खाया जाता है।