लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों में बर्न यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। यानि कि आग या फिर तेजाब से जले मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया होगी। प्रदेश के आगरा, मेरठ, कानपुर और प्रयागराज में जल्द ही बर्न यूनिट शुरू करने की योजना है।
इतने करोड़ होंगे खर्च
चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक प्रोफेसर केके गुप्ता ने बताया, आगरा में राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए 4.27 करोड़ रुपये, प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के लिए 3.81 करोड़ रुपये और कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के लिए 4.31 करोड़ रुपये खर्च करके बर्न यूनिट तैयार किये जा रहे हैं।
26 बेड की बर्न यूनिट
मेरठ में राजकीय मेडिकल कॉलेज की बर्न यूनिट का उद्घाटन चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन मार्च 2019 में कर चुके हैं। यह अब जल्द शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया, 26 बेड की बर्न यूनिट में 20 बेड सामान्य मरीज के लिए तथा 6 बेड आईसीयू के होंगे। इसमें ऑपरेशन थिएटर की भी सुविधा मिलेगी। गुप्ता ने बताया, सभी बर्न यूनिटों में उपकरणों की व्यवस्था रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष के तहत की जाएगी। बर्न यूनिटों का निर्माण नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट फॉर बर्न इंजरीज (एनपीपीएमबीआई) योजना के अन्र्तगत किया जा रहा है।
केजीएमयू की बर्न यूनिट का हाल
हालांकि, लखनऊ स्थित केजीएमयू की बर्न यूनिट को 2009 से संचालित करने की कवायद चल रही है। इसमें लगभग 7.5 करोड़ रुपये की लागत भी लगाई जा चुकी है। इसमें चार आपरेशन थिएटर और आठ बेड आईसीयू, चार सर्जिकल, इमरजेंसी, ड्रेसिंग रूम सहित सभी व्यवस्थाएं तैयार हैं। इसमें इलाज व पढ़ाई के लिए 12 फेकल्टी और 21 रेजीडेंट के पद भी स्वीकृत हो चुके हैं।
इलाज मिलना शुरू नहीं हो पाया
इन सब कवायदों के बाद भी अभी तक यहां इलाज मिलना शुरू नहीं हो पाया है। मरीजों को इसके लिए भटक कर निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। केजीएमयू के प्रवक्ता संदीप तिवारी ने बताया, बर्न यूनिट विभाग के लिए अभी तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कुछ पद सृजित होने हैं। कुछ अन्य विभागों में भी नियुक्तियां होनी हैं। यह सब जल्द हो जाएगा। इसके बाद यह पूरा यूनिट सुचारू ढंग से चलने लगेगा।