लखनऊ। आयुष्मान भारत के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कई बड़ी बातें कहीं। उनमें एक बात सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाले छात्रों के लिए कही है। सीएम योगी ने कहा कि सरकारी मेडिकल कालेजों से एमबीबीएस करने वाले हर डाक्टर को दो साल गांव में काम करना अनिवार्य होगा। उन्होंने आगे कहा कि एमडी और एमएस करने वाले डॉक्टर भी एक साल के लिए अनिवार्य रूप से गांव में काम करेंगे।
हर दो जिलों के बीच एक मेडिकल कॉलेज
इसी के साथ उन्होंने घोषणा की कि यूपी में 15 नए मेडिकल कालेज बनने की प्रक्रिया चल रही है। सात में पढ़ाई भी शुरू हो गई है और अगले साल तक 15 नए मेडिकल कॉलेज और बन जाएंगे। इस तरह हर दो जिलों के बीच एक मेडिकल कॉलेज बन जाएगा। इससे मरीजों को और भी बेहतर इलाज मुहैया हो सकेगी। सरकार स्वास्थ्य को लेकर काफी बेहतर प्रयास कर रही है।
गांव-गांव खड़ी होगी डाक्टरों की फौज
उन्होंने बताया कि 15 नए मेडिकल कालेजों के लिए हम काम कर रहे हैं। सात नए मेडिकल कालेज इस दौरान खोल दिए गए हैं। सात सौ नए एमबीबीएस छात्र इन कालेजों शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में गांव गांव में डाक्टरों की फौज खड़ी हो जाएगी। अगर हमारी योजना सही दिशा में चलती रही तो हर दो जिलों के बीच एक मेडिकल कालेज अगले साल तक शुरू कर देंगे। इतनी बड़ी संख्या में डाक्टर होंगेे तो उन्हें गांव भेज सकते हैं, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र भेज सकते हैं। इससे यूपी को नया स्वस्थ्य समाज मिलेगा। उन्होंने बताया कि सरकारी मेडिकल कालेज में पढऩे वाले हर डाक्टर को दो साल गांव में का करना अनिवार्य होगा।
प्रदेश सरकार के लिए थी चुनौती आयुष्मान योजना
आयुष्मान योजना के एक साल पूरा हाने पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ठीक एक साल पहले जब हमने इस योजना को लागू किया था तो हमारे सामने चुनौतियां बहुत थीं। पर इसकी जरूरत भी बहत थी। जरूरतमंदों के बीच तक इस योजना को पहुंचाना आवश्यक था। इसलिए हमने ऐसी कार्ययोजना बनाई कि इसे जनता के बीच पहुंचाया जा सकेे।
लाखों लोगों तक पहुंचाया पीएम का पत्र
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक करोड़ 18 लाख परिवार के लोगों के बीच पीएम के पत्र पहुंचाया गया। ऐसे बहुत से लोग ऐसे थे जो इस योजना में शामिल नहीं थे, लेकिन उन्हें जरूरत थी। इसलिए हमने मुख्यमंत्री जन स्वास्थ्य योजना शुरू की थी। 8.45 लाख परिवारों को लाभ सीएम अरोग्य योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत पांच लाख रुपए तक की स्वास्थ्य मदद लोगों को की गई।
मस्तिष्क ज्वर के मामलों में भारी कमी आई
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को 1.45 लाख गोल्डन कार्ड दिया गया और सीएम आरोग्य योजना के तहत 1.89 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड पहुंचाया। कुछ जिलों ने अच्छा काम किया है तो कुछ जिलों ने धीमे गति से काम किया है। जो धीमे हैं, उन्हें इसमें तेजी दिखानी होगी। जिनके पास गोल्डन कार्ड होता है, उनके पास एक सम्बल होता है। इंटेफ्लाइटिस प्रभावी लोगों को इससे मदद मिली। स्थिति यह हुई है कि मस्तिष्क ज्वर के मामलों में भारी कमी आई है। यह इस योजना की बड़ी सफलता है। यह स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बेहद बेहतरीन योजना है। यूपी में यह पूरी सफलता से चल रही है।
योजना का दुरुपयोग होने से रोकें अधिकारी
उन्होंने कहा कि संचारी रोग योजना को रोकने के लिए इस प्रकार की योजना काफी कारगर साबित होती है। योजना की सफलता के साथ ही विभाग की और फिर सरकार की अच्छी छवि बनती है। गोल्डन कार्ड भी अधिक से अधिक जरूरतमंदों को पहुंचे तो इसके लिए प्रयास करना होगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए इस अधिकारी इस बात पर ध्यान दें कि इस योजना का कोई दुरुपयोग न करने पाए।
दूसरी योजनाओं को भी यूपी में बढ़ाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 1.87 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य लाभ मिला है। इस में कैंसर, किडनी और हृदय रोगियों को लाभ मिला है। अब तक 34 हजार लोग इस योजना का सीधा लाभ उठा चुके हैं। इसी के साथ कौशल विकास योजना, शिक्षा प्राप्त करने की योजना और स्वस्थ्य व स्वच्छ समाज की स्थापना की योजनाओं पर भी ध्यान देना होगा।