लखनऊ। प्रदेश सरकार ने 400 डॉक्टरों को बर्खास्त करने का बड़ा कदम उठाया है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानांतरण के बाद भी तैनाती वाले जिलों के अस्पतालों में कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। गौरतलब है कि जून में करीब 850 डॉक्टरों को स्थानांतरित किया गया था। आधे डॉक्टरों ने अपने नई तैनाती वाले अस्पताल में कार्यभार संभालने नहीं पहुंचे। कुछ ऐसे भी डॉक्टर हैं जो काम पर तो हैं, पर अपने अस्पताल कभी कभार पहुंचते हैं।
डॉक्टरों का ब्योरा पांच नवम्बर तक तलब
यही नहीं प्रमुख सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी ने चिकित्सा व स्वास्थ्य महानिदेशक से ऐसे डॉक्टरों का ब्योरा पांच नवम्बर तक तलब किया है। डॉक्टरों के स्थानांतरण किए गए जिलों के सीएमओं पर भी इसको लेकर कार्रवाई की जाएगी कि अपने यहां गैरहाजिर डॉक्टरों के बारे में सूचित क्यों नहीं किया। इसके अलावा यदि किसी डॉक्टर ने वेतन लिया है तो इसके लिए भी सीएमओ जिम्मेदार होंगे।
ऐसे डॉक्टरों का भी मांगा ब्योरा
शासन ने ज्यादातर गायब रहने वाले डॉक्टरों को सूची में रखा है, ये वे डॉक्टर हैं जो कभी कभार ही आते हैं। शासन की ओर से चिकित्सा व स्वास्थ्य महानिदेशक से यह भी ब्योरा मांगा है कि वह बताएं कि कितने डॉक्टर ट्रांसफर के बाद पूरे समय से गायब हैं या बीच में कुछेक दिनों पर आने के बाद गायब हो रहे हैं। इसमें से कितने डॉक्टर वेतन ले रहे और कितने नहीं।