लखनऊ। एसजीपीजीआई में नर्सों की बेरुखी और सफाईकर्मी की दरियादिली एक दिन मरीज की जान को आफत में डाल सकती है। ऐसा की वाक्या कार्डियो वार्ड के जी ब्लॉक में हुआ है। यहां भर्ती के एक मरीज के तीमारदार के कुछ दिन पूर्व ही अपनी मां को कार्डियो वार्ड में भर्ती किया था। वीगो निकालने के लिए सिस्टर को आवाज लगाई गई।
विरोध करने का नहीं हुआ असर
वार्ड में मौजूद सिस्टर ने तपाक से वार्ड में सफाई का काम कर रही सुशीला को आवाज देकर कहती है कि मरीज का वीगो निकाल दो। इतना सुनते ही तीमारदार प्रणव पाण्डे ने इसका विरोध किया लेकिन कुछ खास असर सिस्टर पर नहीं पड़ा। अंत में हुआ वही कि सिस्टर की जगह सफाईकर्मी सुशीला ने ही वीगो निकालने का काम किया।
जिम्मेदारों को चेतावनी दी जाएगी
इस मामले को लेकर चीफ नर्सिंग ऑफीसर लिज्मा कालिब सोलंकी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यदि ऐसा हुआ है तो गलत है और जिम्मेदारों को चेतावनी दी जाएगी कि ऐसी हरकत दोबारा से ना करें। उन्होंने बताया कि कार्डियो वार्ड में पहुंचकर जांच पड़ताल की जाएगी। वीगो निकालने का काम मेडिकल की ड्यूटी है।
मरीज को संक्रमण का खतरा
चीफ नर्सिंग ऑफीसर ने बताया कि यह जिम्मेदारी का काम है। वीगो निकालने वाली जगह को करीब दो मिनट तक दबाए रखा जाता है। वीगो निकालने वाला यदि ग्ल्बज ना पहना तो मरीज को संक्रमण का खतरा बन सकता है।