लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में अब रोबोटिक सर्जरी हो सकेगी। इसकी औपचारिक शुरूआत प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने शनिवार को की। शुरू में पीजीआई के पांच विभागों में रोबोटिक सर्जरी होगी। मंत्री ने इस मौके पर कैंसर के मरीजों की रेडियोथेरेपी के काम आने वाली मशीन लीनियर एक्सीलेटर मशीन का उद्घाटन भी किया।
देश में 62 रोबोट

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित टेरेट्री केयर कैंसर सेंटर योजना के तहत संस्थान को यह 19 करोड़ का उपकरण मिला है। इनटीयूटिव कंपनी नार्थ अमेरिका जोकि पूरी दुनिया में एक मात्र ऐसी कंपनी है, जो रोबोट बनाती है और हमारे देश में पूरे 62 रोबोट इसी कंपनी के हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह पहला रोबोट है। जिससे सर्जरी की सुविधा ली जाएगी। अभी पीजीआई के इंडोक्राईनोलोजी, यूरोलोजी, गैस्ट्रोलोजी, कार्डियक, कार्डियक थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में यह शुरू किया गया है। मरीजों को इसके लिए पहले ओपीडी में दिखाना होगा। फिर संबंधित विभाग के सर्जन मरीज की स्थिति देखकर आपरेशन की तारीख देंगे।
रोबोटिक सर्जरी के फायदे
इस सर्जरी में बहुत छोटे चीरे लगाने पड़ते हैं। खून ज्यादा नहीं बहता है और ऑपरेशन के बाद दर्द भी काफी कम होता है। वहीं संक्रमण का भी खतरा नहीं रहता है। ओपन हार्ट सर्जरी में 10 से 12 इंच तक का चीरा लगता है। एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी प्रशिक्षण के लिहाज से बहुत जरूरी है। यहां से प्रशिक्षित सर्जन पूरे प्रदेश में काम करेंगे। अब तक एम्स दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स ऋषिकेश समेत कई निजी अस्पतालों में यह सुविधा है।