लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित ग्राम सेंटर में आईआरईपी – 2018 को दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। उपरोक्त सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मदनलाल भट्ट ने कहा कि इस प्रकार शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में किया जा रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में रोग की पहचान बहुत ही जरूरी है। जब तक हम बीमारी को सही तरह से नहीं जानेंगे तब तक उसका उपचार करना सरल नहीं होता है। इस प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में डायग्नोसिस का बहुत बड़ा महत्व है।
8000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में
आज के समय में रेडियो डायग्नोसिस के विकास से कैंसर जैसी घातक बीमारियों का उपचार संभव हो चुका है। चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीजों का बहुत ज्यादा आगमन होता है। जहां प्रत्येक दिन ओपीडी में 8000 से ज्यादा मरीज आते हैं और 200 से ज्यादा मरीजों की बड़ी शाल्य क्रियाओं को किया जाता है। इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि विश्वविद्यालय के अस्पतालों पर मरीजों का कितना भार है किंतु हमें से वरदान के रूप में लेते हैं। चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा क्लीनिकल कार्यों के साथ ही साथ शोध कार्य एवं शोध प्रकाशनों पर भी अनवरत कार्य किया जा रहा है।
देश में 1000 लड़कों के सापेक्ष 911 लड़कियां
कार्यक्रम में डॉक्टर के. मोहन वर्तमान अध्यक्ष आईआरआईए द्वारा अपनी शब्दों में कहा कि वर्तमान मैं पीसीपीएनडीटी एक्ट अपना उद्देश्य खो चुका है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि ज्यादातर कागजी कार्यवाही में जी सिमटा हुआ है अभी हमारे देश में 1000 लड़कों के सापेक्ष 911 लड़कियां हैं। हमें कन्या भ्रूण को बचाने के लिए लड़कियों को शिक्षित करना पड़ेगा। समाज को जागरुक करना पड़ेगा तब जाकर हम कन्या भ्रूण की गर्भ में हत्या रोक सकते हैं। कन्या भ्रूण हत्या का एक आर्थिक पहलू भी है इसलिए सरकार को इस संबंध में भी ध्यान देना होगा। हम देखते हैं कि ज्यादातर जगहों पर जहां भ्रूण के लिंग की जांच की जाती है। वहां पर नॉन मेडिकल लोग शामिल रहते हैं। सरकार द्वारा कन्या भ्रूण की रक्षा एवं लड़कियों के उत्थान के लिए शिक्षा परियोजना चलाई जा रही है जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। कार्यक्रम में डॉ भूपेंद्र आहूजा पूर्व अध्यक्ष आईआरआईए द्वारा बच्चों में होने वाली आंतों की बीमारियों के संदर्भ में बताया गया।
रेडियोलोजी अल्ट्रासाउंड सबसे सुरक्षित
उन्होंने कहा कि हम बच्चों की होने वाली हाथों की बीमारियों को अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा पहचान सकते हैं। रेडियोलोजी अल्ट्रासाउंड सबसे सुरक्षित है। इससे बिना रेडिएशन हम बीमारी को पहचान लेते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि क्या हर जगह उपलब्ध है। 2 वर्ष तक के बच्चों के सिर को सभी अंगो यहां तक कि ब्रेन तक की बीमारी में हम अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ही उसकी जांच करते हैं। 2 वर्ष के ऊपर के बच्चों में सिर को छोड़कर सभी अंगो की जांच अल्ट्रासाउंड के माध्यम से की जा सकती है। आज बच्चों में भी गुर्दे की पथरी की समस्या आम होने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण बच्चों कम पानी पीना है।
रेजिडेंट डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेंगे
कार्यक्रम में डॉक्टर नीरा कोहली विभाग अध्यक्ष रेडियो डायग्नोसिस विभाग ने बताया कि यह सम्मेलन एक प्रकार का प्रेशर कम प्रेसिडेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसके माध्यम से हम रेडियोलोजी में होने वाले विभिन्न नए कार्यों से अपने रेजिडेंट डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेंगे। डॉ कोहली ने अभी बताया कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेडियो डायग्नोसिस विभाग में जल्द ही 3 टेस्ला एम आर आई मशीन को स्थापित करने के लिए प्रयास चल रहा है। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर विनीता दास चिकित्सा संकाय प्रोफेसर आर के गर्ग प्रोफेसर विनोद जैन प्रोफेसर जी पी सिंह पर छात्र कल्याण सहित विभिन्न संकायों के संकाय सदस्य उपस्थित रहे।