लखनऊ। उत्तर प्रदेश राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला में पहली बार नई मशीनें खरीदने का प्रस्ताव शासन स्तर से पास हो गया है। अब मरीजों के लिए बेहतर दवाइयां उपलब्ध हो सकेंगी। ऐसा बताया जा रहा है कि बजट जारी करने की फाइल भेजी गई है और जल्द ही धनराशि आवंटित करने की प्रक्रिया भी पूरी होने की उम्मीद है।
एक करोड़ 52 लाख रुपए का बजट
बताया जा रहा है कि दवा बनाने के लिए खरीदी जाने वाली मशीनों के लिए करीब एक करोड़ 52 लाख रुपए का शुरुआती बजट है। इससे करीब 25 मशीनें खरीदी जाएंगी। इसके लिए जारी होने वाले बजट की फाइल राजकीय आयुर्वेदिक निदेशालय में भेजी गई है। निर्माणशाला में मशीनें लगने से काफी तेजी से दवाओं का निर्माण हो सकेगा। साथ ही दवाओं पर बेहतर कोटिंग होगी।
यह कहा अधिकारी ने
अभी तक 60 से अधिक कर्मचारी इन दवाओं को बनाने का काम कर रहे हैं। कर्मचारियों के दवा निर्माण करने में काफी समय लगता है। इस मामले में राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला के अधीक्षक डॉ. प्रकाश ने कहा कि दवा बनाने के लिए नई मशीनें खरीदने का प्रस्ताव है। मशीनों से जल्द दवाएं बन सकेंगी। इन दवाओं की आपूर्ति प्रदेश भर के आयुर्वेद और यूनानी अस्पताल व डिस्पेंसरी के मरीजों के लिए की जाती है।