लखनऊ। नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन एसजीपीजीआई की ओर से 8 सूत्रीय मांग पूरी ना होने पर गुरुवार से काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से काम किया। वहीं शुक्रवार को भी विरोध जारी रहा। महामंत्री सुजान सिंह ने बताया कि अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से मांग पर कोई विचार नहीं किया गया है। बता दें कि संस्थान में करीब 1200 कर्मचारी काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे हैं।
पे कमीशन फिक्सेशन में गड़बड़ी
इसी क्रम में अध्यक्ष सीमा शुक्ला, महामंत्री सुजान सिंह और कोषाध्यक्ष राजकुमार गुरुवार को एमएस ऑफिस में पे कमीशन फिक्सेशन में गड़बड़ी को लेकर प्रशासनिक अधिकारी से वार्ता की थी। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इसमें सुधार के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं महामंत्री ने बताया कि इस संबंध में संस्थान को ही समाधाान करना है।
यह बताया पदाधिकारियों ने
यूनियन के इन पदाधिकारियों ने बताया कि अधिकारियों से यह बताया गया है कि सातवां वेतन आयोग को लागू करने का आदेश सितंबर 2017 में आदेश सरकार द्वारा दे दिया गया है। लेकिन एसजीपीजीआई प्रबंधन ने नर्सेस का फिक्सेशन गलत किया है। यह भी बताया गया है कि उनकी मांग प्रशासनिक स्तर की ही है।
यह करेंगे
नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री सुजान सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में गुरुवार से पांच दिन तक काली पट्टी बांधकर काम किया जाएगा। उसके बाद विशाल धरना दिया जाएगा। धरना देने के अगले दिन विरोध में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। यह कैंडल मार्च प्रशासनिक भवन से लेकर मेन गेट तक निकाला जाएगा। विरोध के रूप में यह कैंडल मार्च एक सप्ताह तक किया जाएगा। इसके बाद एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला तीन दिन तक भूख हड़ताल करेंगी।