लखनऊ। गठिया रोग से पीडि़त मरीजों के लिए खुशखबरी है। आधुनिक तकनीक से मरीजों को अब और राहत मिलेगी है। अब छोटे चीरे से ही एक घंटे में घुटना का प्रत्यारोपण संभव है। ऑपरेशन के अगले ही दिन मरीज को खड़ा कर दिया जाएगा और तीसरे ही दिन मरीज को चलने के लिए बोल दिया जाएगा। एक घंटे के ऑपरेशन के बाद मरीज को हमेशा के लिए राहत मिल जाएगी। यही नहीं कूल्हे का ऑपरेशन भी एक घंटे में ही हो जाएगा। उक्त बातें गोमती नगर स्थित मेव अस्पताल के जाने माने जोड़ प्रत्यारोपण एवं अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरपी सिंह ने कही।
कूल्हे और घुटना का प्रत्यारोपण नई तकनीक से
शनिवार को मेयो मेडिकल सेंटर की ओर से गोमती नगर स्थित एक होटल में द्वितीय लखनऊ आर्थोप्लास्टी कोर्स 2018 कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला में देश-विदेश के करीब 150 हड्डी रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य यह था कि जूनियर सर्जन डॉक्टर कूल्हे और घुटना का प्रत्यारोपण नई तकनीक से करें। वहीं इस कार्यशाला में दो घुटने का और एक ऑपरेशन कूल्हे का सजीव प्रसारण किया गया। यह ऑपरेशन मेयो की ओटी में किया जा रहा था। इस दौरान ही जूनियर और सीनियर डॉक्टरों ने अपने अनुभव भी साझा किया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा थे। कार्यक्रम का उद्घाटन में जिलाधिकारी, मेयो हॉस्पीटल की डायरेक्टर डॉ. मधुलिका सिंह और डॉक्टर एनएस लॉर्ड शामिल हुए।
डॉक्टर ने यह कहा
प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एनएस लॉर्ड ने कहा कि प्रत्यारोपण करने से पहले इम्प्लांट का चयन महत्वपूर्ण है। मरीज की आयु के अनुपात में यह चयन करना जरूरी है कि इम्प्लांट कितने दिन तक चलेगा। साथ ही अब देश में ही तैयार बहुत से ऐसे इम्प्लांट है जो सस्ते होने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण है। घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण विषेशज्ञ मुम्बई के डॉ. हरीश भिंडे ने प्रत्यारोपण सर्जरी में होने पर संक्रमण (इंफैक्षन) के खतरे से बचाव पर विस्तार से चर्चा की। कार्यषाला में हैदराबाद के डॉ. कृश्ण किरन, डॉ. रमनीक महाजन समेतो अन्य विशेषज्ञों ने प्रत्यारोपण की विभिन्न तकनीक पर प्रकाश डाला।
इन्होंने किया ऑपरेशन
मेयो में किए जा रहे दो घुटनों के ऑपरेशन में से एक ऑपरेशन डॉक्टर आरपी सिंह ने भी किया। इनके साथ ऑपरेशन में डॉक्टर एनएस लौण और डॉक्टर हरीश भी थे। एक अन्य ऑपरेशन एक 20 साल के लड़के का किया गया। पीडि़त लड़के के बारे में डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि बचपन से ही उस बच्चे का कूल्हा खराब था। ऑपरेशन में कूल्हे का बॉल लगाकर उसे ठीक किया गया। अब यह बच्चा भी आम लोगों की तरह कार्य कर सकेगा। कार्यशाला के अंतिम दिन रविवार 2 सितम्बर को सफेदाबाद स्थित मेयो मेडिकल कालेज में हैण्डस ऑन टेऊनिंग दी जाएगी। इसमें प्रदेष भर के हड्डी रोग विषेशज्ञों को कैडबर पर प्रत्यारोपण की तकनीकी जानकारी की जाएगी।