नई दिल्ली। भारतीय हेल्थकेयर क्षेत्र में धन की कमी सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। वर्तमान में सरकार हेल्थकेयर पर अपनी जीडीपी का केवल लगभग 1.4 प्रतिशत ही खर्च करती है, जो वैश्विक तौर पर सबसे कम खर्चों में से एक है। स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख संस्था नैटहेल्थ के मुताबिक देश में हेल्थकेयर में निवेश बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। नैटहेल्थ ने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को किफायती गुणवत्तायुक्त हेल्थकेयर उपलब्ध कराने और वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) का लक्ष्य हासिल करने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) मुख्य भूमिका निभा सकती हैं।
बयान में कहा गया कि वर्तमान में देश में कम ही लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा का कवरेज है। नई योजना से उम्मीद है कि यह लोगों की हेल्थकेयर की जरूरतों को पूरा करने में उनकी मदद करेगी।
इकॉनॉमिक सर्वे 2017-18 ने भी सेहत पर जरूरत से ज्यादा खर्च की समस्या के बारे में चेताया है, जो गरीब तबके के लोगों पर प्रतिकूल असर डालती है और आर्थिक और सामाजिक विषमता को बढ़ाती है।वर्तमान में सरकार हेल्थकेयर पर अपनी जीडीपी का केवल लगभग 1.4 प्रतिशत ही खर्च करती है जो वैश्विक तौर पर सबसे कम खर्चों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारतीय हेल्थकेयर क्षेत्र में धन की कमी सबसे बड़ी बाधा है और इसमें निवेश बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।