लखनऊ। कुपोषित बच्चों के इलाज और उनकी देखभाल के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। ऐसे में सरकार ने एक नई योजना की शुरुवात की है जिसका नाम ‘मुख्यमंत्री सुपोषण घर’ नाम दिया गया है। 10 जिलों के कुल 28 ब्लॉक मुख्यालयों पर ‘मुख्यमंत्री सुपोषण घर’ की स्थापना की जाएगी।
यह जिले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अति पिछड़ा घोषित बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर, फतेहपुर, श्रावस्ती व चित्रकूट के अलावा बौनेपन की समस्या से जूझ रहे सीतापुर व गोंडा में भी संचालित किया जाएगा। इस योजना को लेकर कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल सकती है।
स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध कराएगा एक कमरा
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने ‘मुख्यमंत्री सुपोषण घर’ संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह उन ब्लॉक मुख्यालयों पर ही संचालित किया जाएगा जहां सीएचसी और पीएचसी हैं। सुपोषण घर के लिए स्वास्थ्य विभाग एक कमरा उपलब्ध कराएगा। इसमें कुपोषित बच्चों के लिए 6 बेड रखे जाएंगे। यहां कुपोषित बच्चों के इलाज के साथ पौष्टिक आहार भी दिया जाएगा।