दो दिन में निर्णय नहीं हुआ तो होगा निर्णायक संघर्ष : पाण्डेय
लखनऊ। अंतिम आदमी के लिए सस्ती और सुलभ चिकित्सा व्यवस्था ही किसी भी सभ्य समाज के मानक होते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार इनको मिलने वाली सुविधा को छीनकर इनको इससे महरूम करने के प्रयास में लगी है जिसके चलते उसने डॉ. मनोहर लोहिया अस्पताल में एक रुपये के पर्चे पर होने वाले मुफ्त इलाज को 250 करने पर आमादा है।
गरीब और बेसहारा मरीज भारी रकम खर्च
इसके बाद लगभग बाजार दर पर दवाइयों और अन्य सुविधाओं के लिए गरीब और बेसहारा मरीज भारी रकम खर्च करने को मजबूर होगा क्योंकि अब इस अस्पताल को आयुर्विज्ञान संस्थान में मिलाने की पूरी योजना बना ली गई है जबकि आयुर्विज्ञान संस्थान का आधारभूत ढांचा इस स्तर का नहीं है उसमें लोहिया संस्थान का विलय किया जा सके जिसके लिए सरकार ने 24 अप्रैल को आदेश जारी किया।
सरकार स्वायत्त संस्थान बनाने पर आमादा
विलय के विरोध में अंतिम आदमी द्वारा अस्पताल बचाओ आन्दोलन की शुरुआत हस्ताक्षर अभियान और धरने के रूप में की गई लेकिन सरकार ने मांग को नहीं मानी। आन्दोलन के संयोजक विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ जनपदों के वंचित लोगों के बीच लाईफलाईन के रूप में मशहूर लोहिया अस्पताल को इनसे छीनकर सरकार अब स्वायत्त संस्थान बनाने पर आमादा है जिसके नियम कायदे जनहित और सरकारी दिशा-निर्देशों संचालित नहीं होते हैं। ऐसा करके सरकार यह बताने का प्रयास कर रही है कि अंतिम आदमी नियति के अधीन जीवन गुजारे जो किसी भी लोकतान्त्रिक देश औ सरकार के लिए शर्मनाक है।
इनका समर्थन
वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस तिवारी ने कहा कि करीब एक हफ्ते के हस्ताक्षर अभियान बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल आन्दोलन को एएफटी बार एसोसिएशन, अवध बार एसोसिएशन, लखनऊ बार एसोसिएशन, सेन्ट्रल बार एसोसिएशन, सरोजनी नगर बार एसोसिएशन, राष्ट्रवादी महिला ब्रिगेड, कांग्रेस विधि विभाग, सिविल सोसाईटी, महिला स्वाभिमान संघ, राष्ट्रीय नर्सेस संघ के अशोक कुमार, चिकित्सा कर्मचारी मोर्चा के केके सचान, अंतिम आदमी के अधिकार का आन्दोलन, भारतीय किसान यूनियन संपूर्ण भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद कुमार सिंह एवं लोहिया नर्सेस संघ की मंजू सहित कई अन्य संगठनों के समर्थन प्राप्त होता गया और आज इस आन्दोलन को व्यावहारिक और सैधांतिक रूप से लगभग लाखों लोगों का समर्थन पाप्त है।
ये उपस्थित रहें
इस धरने में प्रमुख रूप से टीडी गल्र्स कॉलेज के चेयरमैन एमपी यादव, अधिवक्ता आर चन्द्रा, आलोक त्रिपाठी, किरन बाजपेयी, शीला मिश्रा, शैलेन्द्र त्रिपाठी, रेनू मिश्रा, कुलदीप मिश्रा, रवि दीक्षित, कविता मिश्रा प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं।