लखनऊ। केजीएमयू के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ ने 22 साल की रेवती को नई जिंदगी दी है। रेवती मौत के करीब थी और उसके परिजन भी उसके बचने की उम्मीद छोड़ दिए थे क्योंकि पैसों का अभाव भी था। आईसीसीयू के डॉक्टरों नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों की मदद से मरीज को बचाने और उसकी आर्थिक मदद की गई। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की सेहत में सुधार है। मरीज को पांचवें दिन वेंटिलेटर से बाहर निकाल लिया। टीयूवी के इंचार्ज डॉ. विपिन कुमार सिंह ने बताया कि मरीज को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
ब्लड प्रेशर बहुत कम, किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया
रेवती को क्वीन मेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसका सिजेरियन आपरेशन 24 मई को हुआ था। मरीज को दिल की बीमारी होने के चलते उसे जनरल एनेस्थीसिया देकर ऑपरेट किया गया। हालात की गंभीरता को देखते हुए उसे ट्रामा वेंटिलेटर यूनिट में भेज गया। मरीज का ब्लड प्रेशर बहुत कम था और किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था।
करीब छह घंटे की डायलिसिस
आईसीसीयू में लगातार पांच घंटे की कोशिश के बाद भी ब्लड प्रेशर नही बढ़ रहा था और पेशाब भी नही आ रहा था। तुरंत ही मरीज का डायलिसिस कराया गया जोकि इतने गंभीर मरीज में संभव नहीं था। करीब छह घंटे की डायलिसिस के बाद मरीज की स्थिति में थोड़ा सुधार शुरू हुआ। 24 घंटे बाद कुछ मात्रा में पेशाब आना भी शुरू हो गया। इस बीच तीसरे दिन मरीज को गर्भाशय से रक्तश्राव होने लगा। जांच के दौरान पता चला कि मरीज को डिस्एमिनेटेड इंट्रावेस्कुलर कोएगुलेशन हो गया है जिसके चलते मरीज को तत्काल खून और क्राईपर्सिपटेट शुरू किया गया। उसका रक्तश्राव बंद हो गया।