लखनऊ। केजीएमयू में संविदा कर्मचारियों ने रोष व्यक्त करते हुए रजिस्ट्रार राजेश राय का शनिवार दोपहर घेराव किया। मालूम हो कि केजीएमयू में विभिन्न पदों पर करीब 7 हजार कर्मचारियों कार्यरत हैं। इनका 2 माह का वेतन भुगतान न होने तथा इपीएफ में धांधली, साप्ताहिक अवकाश ना दिए जाने आदि मामले को लेकर संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने सैकड़ों कर्मचारियों ने घेराव किया।
महीने 30 दिन करते हैं काम
केजीएमयू के अध्यक्ष रितेश मल्ल ने रजिस्ट्रार को बताया कि कर्मचारियों का 2 महीने का वेतन बकाया है। प्रशासन के नोटिस के बाद भी एजेंसियों ने वेतन भुगतान नहीं किया। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों से महीने में 30 दिन कार्य लिया जा रहा है और कोई साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जा रहा है जबकि श्रम विभाग के नियमानुसार महीने में 4 छुट्टी दिए जाने का प्रावधान है।
ईपीएफ में धांधली
महामंत्री अनुज कुमार मिश्रा ने बताया कि कर्मचारियों का ईपीएफ राशि जो वेतन से काटा जाता है, वह हर माह उनके खाते में जमा नहीं किया जाता। कभी-कभी एजेंसी के अधिकारी कर्मचारियों का पूरे महीने का ईपीएफ नहीं जमा करते हैं। तमाम ऐसे कर्मचारी हैं जिनका अभी तक ईपीएफ का यूएएन नंबर नहीं दिया गया है। सभी कर्मचारियों ने एकजुट होकर हर माह की 5 तारीख को वेतन, साप्ताहिक अवकाश तथा ईपीएफ की रसीद दिलाए जाने की मांग की। कर्मचारी सैकड़ों की संख्या में रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर बैठे रहे।
कार्रवाई का आश्वासन
केजीएमयू प्रशासन की ओर से रजिस्ट्रार राजेश राय ने केजीएमयू में अनुबंधित सातों एजेंसियों को तत्काल नोटिस जारी करके त्वरित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है। आश्वासन के बाद सभी कर्मचारी वापस लौटे। अध्यक्ष रितेश मल्ल ने कर्मचारियों का आश्वस्त किया है कि अगर साप्ताहिक अवकाश और समय से वेतन नहीं मिला तो सभी एजेंसियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और इसकी शिकायत श्रम विभाग के मंत्री से की जाएगी।