
यह हुआ था
हॉस्पिटल में बेड की कमी के कारण मरीज की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिला सीतापुर के निवासी सुरेश के बेटे वेदप्रकाश का 27 अगस्त को एक्सीडेंट हो गया था, जिससे उसके परिजनो ने आनन-फानन में पास के प्राथमिक चिकित्सालय में उपचार कराया था, जहॉ डाक्टरो ने मरीज की हालत गंभीर देख उसे जल्द केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के लिए रिफर कर दिया।
दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह
हालांकि डॉक्टरो ने दो दिन उपचार करने के बाद डॉ. बेड न होने की बात कहकर मरीज को बाहर निकाल दिया, गौरतलब है कि डॉक्टरो ने मरीज को बेड न होने की बात कह इसे किसी दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दे डाली, वही दूसरी तरफ मरीज के परिजन लगभग पॉच दिन से केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के बारामदे में खड़े हैं। तीमारदारो के मुताबिक डॉक्टर व ट्रामा सेंटर इन्चार्ज को जब कॉल किया गया तो उनका फोन लगभग आधे घंटे तक व्यस्त बता रहा था।