लखनऊ। बरसात का सुहाना मौसम अपने साथ अनेक बीमारियां भी लाता है। बरसात के इस मौसम में कालरा, पेचिस, दस्त, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, फूड पॉयजनिंग बदहजमी के साथ मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू, चिकुनगुनिया, कन्जेक्टवाइटिस, पीलिया, टाइफाइड बुखार, जापानी इन्सेफेलाइटिस, फोड़े-फुंसी व अन्य रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ सावधानियां अपनाकर बरसात की बीमरियों से बचा जा सकता है।
डॉक्टर ने यह कहा
केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डॉ. अनुरूद्ध वर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में पानी प्रदूषित हो जाता है। इस मौसम में वैक्टीरिया एवं वायरस तेजी के साथ पनपते हैं। भोजन बहुत जल्दी प्रदूषित हो जाता है। प्रदूषित पानी एवं खाने-पीने की चीजों से कालरा, गस्ट्रोइंट्राइटिस, दस्त, पेचिस आदि गंभीर रोग हो सकते हैं। इससे बचाव के लिये साफ पानी पिये बासी भोजन, खुले एवं कटे फल, खुली चाट-पकौड़ी व भोजन आदि का प्रयोग न करें। दस्त आदि होने पर तत्काल ओआरएस का घोल लेना प्रारंभ कर दें।
ये बरतें सावधानियां
डॉ. वर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में गंदगी एवं जल भराव के कारण मच्छर तेजी के साथ पनपते हैं जिससे मलेरिया बुखार का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया बुखार से बचने के लिए आसण्पास की साफ-सफाई पर ध्यान दें। आस-पास पानी व इक_ा होने दें जिससे मच्छर न पनप सकें तथा मच्छर दानी लगाकर सोना चाहिए।
ऐसा होता है
बरसात के मौसम में वायरल तेजी के साथ फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इससे बचने के लिए रोगी व्यक्ति से संपर्क नहीं रखना चाहिए। बरसात के मौसम में डेंगू फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। डेंगू, बुखार, वायरल है जो मानसून के दौरान मादा एडिज इजिप्टी नामक मच्छर द्वारा फैलता है। इसमें तेज बुखार सिर दर्द आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी आना जोड़ों और मांसपेशियों में ऐंठन और अकडन, त्वचा पर चक्कते उभरना, शारीरिक कमजोरी व थकान आदि के लक्षण होते हैं।
ऐसा होता है, तुरंत लें सलाह
बरसात के मौसम में अपच, बदहजमी, गैस, खट्टी डकारें आदि की समस्या हो जाती है क्योंकि शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। साथ ही गरिष्ठ भोजन का प्रयोग बढ़ जाता है इससे बचने के लिये शारीरिक सक्रियता बनाये रखे। साथ ही हल्का व सुपाच्य भोजन करें। बरसात के उमस एवं गंदगी भरे मौसम में बैक्टरिया, पैरासाइट, फंगस आदि त्वचा को संक्रमित कर देते हैं जिसके कारण फोड़े-फुंसी, खुजली, दाद, फफोले, घमौरी, विषैले फोड़े आदि की संभावना ज्यादा रहती है। इससे बचने के लिए गंदे व प्रदूषित पानी से बचना चाहिए एवं साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। डॉ. अनुरूद्ध वर्मा ने कहा कि यदि आपको बरसात कोई बीमारी हो जाये तो तुरन्त होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए क्योंकि बरसात की बीमारियों का होम्योपैथी द्वारा उपचार पूरी तरह संभव है।