लखनऊ। होम्योपैथी विभाग द्वारा संचालित अस्पतालों और होम्योपैथी औषधालयों में भी अब बिना पहचान पत्र के मरीजों को इलाज नहीं मिलेगा। इन अस्पतालों में पंजीकरण कराने के लिए पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। मरीजों की सहूलियत के लिए कई विकल्प रखे गये हैं। मरीज कोई भी कार्ड जिससे उसकी पहचान हो सके दिखा सकता है। आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राईविंग लाइसेंस, बैंक पास बुक, स्कूल या अन्य सरकारी या गैर सरकारी संस्थान द्वारा जारी कार्ड भी मान्य होंगे। लेकिन बगैर कार्ड के मरीज का पंजीकरण नहीं किया जायेगा।
चिकित्सकों पर निगरानी
शासन ने यह नियम होम्योपैथी चिकित्सकों पर निगरानी के लिए बनाया है। इसके पीछे शासन का तर्क था कि चिकित्सक बोगस नाम लिखकर ओपीडी सं या बढ़ाकर लिखते हैं। इससे चिकित्सक ओपीडी में फर्जी नाम नहीं बढ़ा सकेंगे। लखनऊ के जिला होम्योपैथी चिकित्साधिकारी डा. सीजी पाण्डेय ने बताया कि इससे मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होती है। मरीज की सुविधा के लिए कई विकल्प रखे गये हैं। उनके पास पहचान पत्र होना चाहिए। कहीं का भी रहने वाला हो। उसका पंजीकरण कर मुक्त परामर्श व दवा दी जायेगी।
पंजीकरण कराना अनिवार्य
डा. पाण्डेय ने बताया कि इसके अलावा प्राईवेट होम्योपैथीक क्लीनिक चलाने वाले चिकित्सकों को भी अब अपना पंजीकरण जिला होम्योपैथीक कार्यालय में कराना अनिवार्य है। बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि लखनऊ जिले में अभी तक 100 प्राईवेट हो योपैथिक क्लीनिक का पंजीकरण हुआ है। यह पंजीकरण नि:शुल्क है। लेकिन शासन द्वारा निर्धारित मानक को पूरा करना अनिवार्य है। डा. पाण्डेय ने बताया कि लखनऊ में 45 हो योपैथिक डिस्पेंसरी हैं। सभी जगह यह व्यवस्था लागू है। निरन्तर हो योपैथिक औषधालयों की ओपीडी में मरीजों की सं या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की सक्रियता की वजह से लोग आयुष विभाग को जानने लगे हैं।