लखनऊ। स्वस्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की सेन्ट्रल टीबी डिवीजन की टीम ने गुरूवार को केजीएमयू के पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम आरएनटीसीपी के डॉट्स केन्द्र तथा डॉट्स प्लस केन्द्र (डीआर टीबी सेन्टर) का औचक निरीक्षण किया। केन्द्रीय टीम ने दोनों केन्द्रों के सरकारी अभिलेखों का गहन निरीक्षण किया। केन्द्रीय टीम ने दोनों केन्द्रो के कार्य की सराहना की तथा यहा चल रहे कार्य पर खुशी व्यक्त की।
केजीएमयू उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉट्स एवं डॉट्स प्लस केन्द्र
निरीक्षण टीम में दिल्ली के स्टेट टीबी आफिसर, डा. अश्वनी खन्ना, सेन्ट्रल टीबी डिवीजन के सलाहकार डा. भाविन बाडरा, डब्ल्यू एचओ, सलाहकार डा. प्रियन्का अग्रवाल, डा. श्वेता सिंह, डा. वाई के. जैन तथा डा. संदीप निरीक्षण दल में सम्मिलित थे। गौरतलब हो कि केजीएमयू उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना डॉट्स एवं डॉट्स प्लस केन्द्र है।
प्रदेश के 12 जिले संबद्ध
इस नोडल डीआर टीबी केन्द्र पर प्रदेश के 12 जिले अम्बेड़कर नगर, अमेठी, बहराईच, बलरामपुर, बाराबंकी, फैजाबाद, हरदोई, खीरी, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, श्रावस्ती संबद्ध हैं। विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने अवगत कराया कि वर्ष 2018 में साधरण टी0बी0 के कुल 20282 रोगी तथा एमडीआर टी0बी0 के 1528 रोगी एक्स डीआर टी0बी0 के 146 रोगी तथा बिडाक्यूलीन के 16 रोगी केजीएमयू में पंजीकृत हुए थे।
रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष तथा उ0प्र0 क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के स्टेट टॉस्क फोर्स के चेयर मैन डा. सूर्यकान्त ने केन्द्रीय दल को अवगत कराया कि नोडल डीआर टीबी सेन्टर में एसएमओ का एक, स्टेस्टिकल अस्सिटेन्ट का एक तथा स्टाफ नर्स के चार पद रिक्त है।केन्द्रीय टीम ने डा.सूर्यकान्त को आश्वासन दिया कि स्टेट टीबी इकाई से वर्ता कर शीघ्र ही इन रिक्त पदो को भरने का प्रयास किया जायेगा।