लखनऊ। राजधानी के केजीएमयू में अब बच्चों से जुड़े हड्डी के रोगों के लिए परिजनों को महंगा ईलाज और प्रदेश के बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। केजीएमयू में ही इस साल से पीडियाट्रिक आर्थाे पेडिक्स विभाग की शुरुआत की गई है।
एक छत के नीचे इलाज संभव
इस बारे में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अजय सिंह ने बताया कि अब किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में एक छत के नीचे ही ऐसे बच्चों का इलाज संभव है जिनका जन्मजात पैरों में हड्डी की परेशानी या कमर की हड्डी से जुड़ी समस्या से जूझ रहे हैं। अब परिजनों को कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। डॉ. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 जून से मरीजों को देखा जाएगा।
मिल गई स्वीकृति
बताया गया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और सरकार की ओर से एमसीएच पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की स्वीकृति मिल गई है। डॉ. सिंह ने बताया कि आगामी तीन से चार माह में ही भर्तियां की जाएंगी जिससे कि आने वाले मरीजों को परेशानी ना हो।
होगा सस्ता ईलाज
प्रोफेसर अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पहले प्रदेश में इस तरह की सुविधा ना होने से लोग प्रदेश के बाहर कर रुख अपनाते थे। वहां उनपर आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता था। ऐसे में यह सुविधा केजीएमयू में मिलने से उन्हें बाहर का रुख अब नहीं अपनाना पडग़ा और यहां सस्ता और बेहतर सुविधा मुहैया होगी।