लखनऊ। कार्डियो वेसकुलर थोरेसिक सर्जरी (सीवीटीएस) विभाग में तैनाती पाने वाले डॉ. शैलेन्द्र कुमार को केजीएमयू कार्यपरिषद को उनके मूल सर्जरी विभाग में जाने का फैसला सुनाया है। केजीएमयू कुलसचिव राजेश राय ने बताया कि डॉ. शैलेन्द्र ने अनरिकगनाइज्ड सीवीटीएस एमसीएच कोर्स पर दाखिला लिया था। जिसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी नकार दिया है।
बैठक में लिया गया यह निर्णय
केजीएमयू कार्यपरिषद की बैठक प्रो. मदनलाल ब्रह्मï भट्टï की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बोर्ड कक्ष में हुई। इसमें डॉ. शैलेन्द्र के मामले पर निर्णय लिया गया। 2014 के दिसंबर माह में पूर्व कुलपति डॉ. रविकांत ने जनरल सर्जरी विभाग में तैनात डॉ. शैलेन्द्र को सीवीटीएस विभाग में तबादला कर दिया था। इसके बाद नियम के खिलाफ हुए इस तबादले की लोगों ने शिकायत की। इस मामले में कार्यपरिषद ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए। डॉ. शैलेन्द्र को उनके मूल विभाग में भेजने का फैसला सुना दिया। वहीं एमबीबीएस में दाखिले के आरोप में घिरे फार्माकोलॉजी विभाग के डॉक्टर डीके कटियार पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया।
इसकी भी अनुमति दी गई
इधर चिकित्सा विवि के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में बर्न यूनिट के संचालन के लिए 12 संकाय सदस्यों के पदों के सृजन के शासनादेश को लागू करवाने के लिए अनुमति प्रदान की गई। वहीं केजीएमयू के संकाय सदस्यों एवं रेजिडेंट चिकित्सकों को सांतवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप पुनरीक्षित वेतन शासनादेश के अनुसार दिए जाने की संस्तुति कार्यपरिषद ने प्रदान की।