लखनऊ। केजीएमयू में कर्मचारियों से मारपीट का मामला एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। मामले को लेकर अब राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सामने आ आ गया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि केजीएमयू में कार्यावधि के दौरान कुछ छात्रों द्वारा बिना किसी दोष के महिला व पुरुष कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार व मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया।
महामंत्री गंभीर रूप से घायल
स्थानीय प्रशासन द्वारा उक्त घटना में रुचि न लेने के कारण छात्रों का दुस्साहस बढ़ा और अगले दिन पुन: उन्ही कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई जिसमें छात्रों की संख्या सैकड़ो में थी जिसकी जानकारी पाते ही केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष, महामंत्री व अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुचे परंतु छात्रों द्वारा उन्हें भी मारा पीटा गया। जिसमें अध्यक्ष महामंत्री गंभीर रूप से घायल हो गए और अन्य पदाधिकारियों द्वारा उन्हें प्राथमिक उपचार हेतु ट्रामा सेन्टर में भर्ती कराया गया। उक्त घटना से छुब्ध होकर सभी कर्मचारियों ने कार्य बंद कर दिया और पदाधिकारियों को देखने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, उसके उपरांत स्थानीय प्रशासन भी जागा और कुलपति, कुलसचिव व अन्य अधिकारी पदाधिकारियों को देखने पहुंचे।
सहमति के बाद धरना समाप्त
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने हस्तक्षेप कर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, कुलसचिव से बात कर वार्ता आहूत की, जिसमें संघ के पदाधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन के अधिकारी सम्मिलित हुए और छात्रों द्वारा किये गये कृत्य की सभी ने निन्दा की। उक्त बैठक में सहमति बनी और आंदोलन को तत्काल समाप्त करवाया गया।
अगर कर्मचारियों के साथ ज्यादती हुई तो बर्दाश्त नहीं
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने चेतावनी दी है कि किसी भी कर्मचारी के साथ प्रशासन द्वारा कोई उत्पीडऩात्मक कार्यवाही की जाती है तो परिषद किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं करेगा। केजएमयू कर्मचारियों के सम्मान की रक्षा में परिषद से सम्बद्ध समस्त संगठन आंदोलन करने के लिये बाध्य होंगे, जिसमें प्रदेश का चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, रोडवेज, वन, गन्ना एपरिवार कल्याण, सिचाई, कृषि, ग्राम विकास, व्यापार कर, आदि विभाग प्रभावित होंगे।