लखनऊ। जिले के तीन बड़े संस्थानों केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया में हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों ने मरीजों की समस्या का समाधान किया। गौरतलब है कि सोमवार को बलरामपुर, सिविल और लोहिया अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों की ओपीडी में खचाखच मरीजों की संख्या थी। दवा वितरण काउंटर पर भी मरीजों का भारी दबाव था। इसके अलावा इमरजेंसी, जांच सेंटर पर भी काफी भीड़ थी।
करीब एक से डेढ़ हजार ज्यादा मरीज पहुंच
बलरामपुर अस्पताल में रोजाना छह से सात हजार मरीज आते हैं। सोमवार को यहां आठ हजार से ज्यादा मरीज पहुंचे। सिविल अस्पताल और लोहिया अस्पताल में रोजाना आने वाले करीब सात हजार मरीजों के मुकाबले करीब एक से डेढ़ हजार ज्यादा मरीज पहुंचे। इसके अलावा रानी लक्ष्मी बाई, लोक बंधु, डफरिन, झलकारी बाई अस्पताल व भाऊराव देवरस अस्पताल समेत 32 हेल्थ पोस्ट सेंटर, 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और 26 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरीजों का दबाव रहा। इन अस्पतालों की इमरजेंसी में रोज के तुलना में सोमवार को भारी संख्या में मरीज पहुंचे। यहां देखने को मिला कि इमरजेंसी में बेड के लिये मरीजों को कई घंटे इंतजार करना पड़ा।