लखनऊ। हाथ धोना एक सरल लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण व्यवहार है जो प्रदेश में बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु को पचास फीसदी और श्वास संबंधी बीमारियों से होने वाली मृत्यु को एक चौथाई तक रोक सकता है। भारत में 5 वर्ष तक के बच्चों की ज्यादातर मौत, डायरिया जैसी बीमारी के कारण हो रही है, जिसका मुख्य कारण खुले में शौच करना और हाथ साफ नहीं करना है।
उक्त बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं वात्सल्य संस्था की प्रमुख डॉक्टर नीलम सिंह ने कही। सोमवार 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हाथ धोने से हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा और विशेषकर उन प्रमुख बीमारियों की रोकथाम जिनसे युवा बच्चों की मृत्यु हो रही है।
हाथों के जरिए संक्रमण फैलने की संभावना
बचपन से ही हमें खाने से पहले हाथ धोने की आदत सिखाई जाती है। यह आदत हमें कई बीमारियों से बचाती है। बच्चों को हाथ धोने की आदत का महत्व बताने के लिए 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है। यह दिवस मनाने का मकसद लोगों में जागृति लाकर उनके व्यवहार में बदलाव लाना है। हाथों के जरिए संक्रमण फैलने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। हाथों में रहने वाले रोगाणु खाना खाते समय आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और आपको बीमार कर देते हैं।
बच्चों में होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए करना होगा काम
डॉक्टर नीलम सिंह बताती हैं, पांच वर्ष से छोटे बच्चों में होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वच्छ भारत मिशन को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे हाथ धोने के संदर्भ में जागरुकता लाई जा सके। इसके साथ ही घरेलू स्तर पर हाथ धोने के व्यवहार को बढ़ावा दिया जा सके तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं और आंगनबाड़ी केन्द्रों जैसे संस्थानों पर हाथ धोने जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके।
आंकड़े यह बताते हैं
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट, 2013 और लांसेट 2015 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रति वर्ष उत्तर प्रदेश में लगभग 50 लाख बच्चे जन्म लेते हैं और लगभग 5 लाख बच्चे 5 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पहले मर जाते हैं। इन पांच लाख बच्चों में निमोनिया से 17 प्रतिशत और डायरिया से 13 प्रतिशत बच्चे मर जाते हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, औसतन, उत्तर प्रदेश में प्रत्येक बच्चा एक वर्ष में लगभग 2-3 बार डायरिया और निमोनिया से पीडि़त होता है।
यह खास बात
डॉक्टर नीलम सिंह बताती हैं कि खाना बनाते या खाना खाने से पहले और शौच के बाद, साबुन से हाथ धोने से तेज श्वास संक्रमण की दर को 23 प्रतिशत और डायरिया की दर को 40 प्रतिशत से अधिक तक कम किया जा सकता हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि बच्चों का प्रसव कराने वाले व माताओं के साबुन से हाथ धोने से नवजात शिशु के जीवित रहने की संभावना 44 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं।
हाथ कब धोएं
भोजन से पहले अथवा बाद में हाथ जरूर धोएं।
शौच के बाद भी हाथ धोना बहुत जरूरी है।
घर की साफ-सफाई के बाद हाथ अवश्यु साफ करें।
पालतू जानवरों से खेलने के बाद।
किसी बीमार व्यसक्ति से मिलकर आने के बाद।
छींक या खांसी के बाद।
खेलने या बागवानी के बाद।