लखनऊ। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से टीबी की आधुनिक जांच कराने के लिए सैंपल ट्रांसपोर्टेशन का कार्य डाक विभाग के डाकिये द्वारा आधुनिक प्रयोगशाला लैब तक ट्रांसपोर्ट कराया जाएगा। यह जानकारी रविवार को उत्तर प्रदेश क्षयरोग निदेशक डॉ. संतोष गुप्ता ने दी। डॉ. नरेंद्र अग्रवाल सीएमओ के नेतृत्व में रविवार को प्रधान डाकघर हजरतगंज में आरएनटीसीपी कथा डाक विभाग की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया।
राजकुमार महाराज पोस्टमास्टर जनरल लखनऊ परिक्षेत्र तथा डॉ बीके सिंह डीटीओ लखनऊ संयुक्त अध्यक्षता में प्रदेश की पहली आरएनटीसीपी व डाक विभाग के डाकियों व आरएनटीसीपी स्टाफ की संवेदीकारण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
500 रुपये प्रतिमाह का भुगतान
कार्यशाला के दौरान डॉ. बीके सिंह ने समाज में फैली भ्रांतियों के प्रति डाक विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को जागरूक करते हुए यह अवगत कराया कि टीबी का पूर्ण रूप से इलाज संभव है तथा जांच व उपचार समस्त सुविधाएं कार्यक्रम अंतर्गत निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। उपचार ले रहे सरकारी तथा गैर सरकारी सभी क्षयरोगियों को भारत सरकार की निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 500 रुपये प्रतिमाह का भुगतान भी डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में किया जाता हैं।
बैंक खाते खुलवाने में भी सहयोग
कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवा क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ ने बताया कि डाक विभाग जांच कराने के साथ-साथ ऐसे क्षयरोगियों को जिनके पास आधार तथा बैंक खाते नहीं है। उनके आधार कार्ड बनवाने तथा बैंक खाते खुलवाने में भी सहयोग करेगी। शशि कुमार उत्तम, एसएसपीओ ने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य की जनपद लखनऊ को 2021 तक क्षयरोग मुक्त शहर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ अपने डाकियों के माध्यम से अपने सामाजिक कार्य दायित्वों का भी निर्वहन करते हुए क्षयरोगी के प्रति समाज में जागरुकता फैलाने में सहयोग प्रदान करेगा।
ये थे मौजूद
अभय चंद्र मित्रा, वरिष्ठ क्षयरोग उपचार पर्यवेक्षक व लोकेश कुमार वर्मा वरिष्ठ क्षयरोग प्रयोगशाला पर्यवेक्षक डीटीसी लखनऊ द्वारा सैंपल पैकेजिंग वे ट्रांसपोर्टेशन से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में आरएनटीसीपी के एसटीएलस, लैब टेक्नीशियन तथा डाक विभाग के डाकिए ,पोस्टमास्टर स्टेशन अपर निदेशक डाक विभाग लखनऊ तथा सुधीर कुमार सिंह टीबीएचवी, डीटीसी लखनऊ ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।