लखनऊ। अगर हम अपने लाइफस्टाइल को बदल लें तो लाइलाज गठिया रोग को मात दिया जा सकता है। यदि हम ऐसा करते हैं तो इस बीमारी तक हम पहुंचेंगे ही नहीं। इसका इलाज भी महंगा है। देखा यह गया है कि अंत में घुटना प्रत्यारोपण ही कराने की स्थिति आती है।
उक्त बातें वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. संदीप कपूर और डॉ. संदीप गर्ग ने गुरुवार को विश्व ऑर्थराइटिस डे के एक दिन पहले गोमती नगर स्थित एक होटल में कही। कार्यक्रम में डॉ. एएम सिद्धकी, डॉ. एएस पांडे और डॉ. पुलकित सिंह मौजूद थे।
उन्होंने हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में 12 अक्टूबर को आयोजित किये जाने वाले योग कार्यक्रम के बारे में भी बताया। ओस्टियोआर्थराइटिस विशेष तौर से महिलाएं ज्यादा प्रभावित रहती हैं। 65 वर्ष की आयु से ऊपर की महिलाओं में लगभग 45 फीसदी महिलाओं में इसके लक्षण देखने को मिलते है।
दर्द को ना करें नजरअंदाज
डॉ गर्ग ने बताया कि जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वहीं डॉ. कपूर ने कहा कि अर्थराइटिस की समस्या युवा लोगों में देखने को भी मिल रही है लेकिन इसके कारण अभी स्पष्ट नहीं है। शुरुआती लक्षणों के आते ही सही समय पर जांच और इलाज से यह संभव है कि बीमारी को उसके शुरुआती स्टेज पर पकड़ा जाए और इलाज भी उसी हिसाब से हो जिससे की सर्जरी से भी बचा जा सके।
लखनऊ में लगभग 5 लाख व्यक्ति आर्थराइटिस से प्रभावित
डॉ. संदीप कपूर व डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आर्थराइटिस प्रमुख रूप से शरीर के जोड़ों पर असर करता है। परन्तु इसका प्रभाव कई प्रकार से व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ जाता है। आर्थराइटिस जीवनशैली सम्बन्धित बीमारियों में पहला स्थान रखता है। डॉ. कपूर ने बताया कि लखनऊ में लगभग 5 लाख व्यक्ति आर्थराइटिस से प्रभावित हैं।
ये होंगे कार्यक्रम
आर्थराइटिस के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए आर्थराइटिस फाउण्डेशन ऑफ लखनऊ ने अहम कदम उठाया है। विश्व आर्थराइटिस दिवस यानी 12 अक्टूबर को साइकिलथान का आयोजन किया जा रहा है। यह साइकिल थान गोमती नगर स्थित हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से सुबह 6.30 बजे शुरू होगी। कार्यक्रम में योग अभ्यास का भी आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महापौर और जिलाधिकारी सहित शहर के लोग, डाक्टर व प्रबुद्ध लोग शामिल होंगे। बुजुर्गों के साथ-साथ युवा भी प्रतिभाग करेंगे।
कारण
मोटापा, बढ़ती उम्र, गम्भीर चोट, जमीन पर बैठने की आदत, धूम्रपान व शराब का सेवन, सीढिय़ों का अत्यधिक इस्तेमाल, भारतीय प्रसाधन।
ऐसे करें बचाव
संतुलित वजन, सीढिय़ों का जरूरत पर इस्तेमाल, शराब व धूम्रपान न करना, जमीन पर न बैठना
दो मरीजों का मुफ्त इलाज
इसी क्रम में बताया गया कि आर्थराइटिस फाउण्डेशन ऑफ लखनऊ एक रजिस्टर्ड संस्था है जिसमें डॉक्टर व अन्य विशिष्ट क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। यह संस्था दस साल से आर्थराइटिस जागरुकता के लिए काम कर रही है। बताया गया कि यहां साल में दो ऐसे मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है जो गरीब होते हैं। उनका पूरा खर्चा उठाया जाता है।