लखनऊ। अब मलिन बस्तियों में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस क्रम में केजीएमयू ने पहला कदम बढ़ाया है। केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग ने कदम आगे बढ़ाते हुए ऐशबाग की मलिन बस्ती को गोद लिया है। उक्त जानकारी केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने दी है।
टीबी को 2025 तक खत्म करने का लक्ष्य
इस अभियान में टीबी के मरीजों की जांच करके मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान पूरे परिवार के सदस्यों की जांच की जाएगी। पुष्टि होने के बाद उनकी काउंसिलिंग कर इलाज शुरू किया जाएगा। इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों को भी जोड़ा जाएगा। डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि टीबी को 2025 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरेजन के साथ मिलकर चलाया जाएगा।
इन्हें जोड़ा गया
केजीएमयू, संजय गांधी पीजीआई, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, एरा, कैरियर, इंटीग्रल और टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज को अभियान से जोड़ा गया है। यह संस्थान परिसर के नजदीक मलिन बस्ती को गोद लेंगे। वहां टीबी के खिलाफ अभियान चलाएंगे। डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक अभियान में अस्पतालों को शामिल करने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए एक वैन भी चलाई जाएगी। इसमें एक्सरे और बलगम जांच की सुविधा होगी।