रायपुर/कोण्डागांव। एक तरफ तो जवान आदिवासियों की सुरक्षा के लिए नक्सलियों से लोहा लेते हैं, वहीं दूसरी ओर आदिवासियों की रक्षा करने के लिए भी बिना बंदूक के तैयार रहते हैं। आपको बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है कई बार जवानों ने आदिवासियों की जान बचाने के लिए घंटों पैदल चलें हैं।
17 जुुलाई की शाम 4 बजे कोण्डागांव जिला के अत्यंत नक्सल प्रभावित मर्दापाल क्षेत्र के ग्राम हड़ेली में तैनात आइटीबीपी 41वीं बटालियन के जवानों ने शेवती यादव (24) पति महेश यादव निवासी हड़ेली की सहायता की। महिला को प्रसव पीड़ा के चलते बुखार, तेज पेट दर्द और रक्तस्राव हो रहा था।
पहली बार बन रही सड़क
पीडि़ता के मदद के लिए गांव तक एम्बुलेंस नहीं आ सकता था, क्योंकि इस सड़क में आजादी के 6 दशक बाद पहली बार सड़क बनने जा रही है। आईटीबीपी और जिला पुलिस की सुरक्षा में बनाया जा रही सड़क निर्माणधीन है और बारिश के चलते दलदलीय है। ऐसे में यह सड़क अब तक चलने लायक नहीं बन पाया है। लिहाजा जवानों ने शेवती यादव की मदद करते हुए उसे कंधे पर लदकर आईटीबीपी 41वीं बटालियन के हड़ेली कैम्प लाए, यहां से उसे जवानों ने कंधे पर ही लादे हुए खोड़सानार का निर्माणाधीन नाला पुल पार करवाए।
उपचार जारी
जानकारी हो कि हड़ेली से यह नाला लगभग 5 किमी दूर है। इसके बाद पुल पार खड़े एम्बुलेंस से पीडि़ता को जिला अस्पताल रविन्द्र नाथ टैगोर (आरएनटी) पहुंचाया गया, जो हड़ेली से लगभग 50 किमी दूर है। एम्बुलेंस तक पहुंचने से पहले जवानों को कई पानी भरे नालों से होकर गुजरना पड़ा। अब पीडि़ता का जिला मुख्यालय में उपचार जारी है। डॉक्टरों ने उसकी हालत में सुधार बताया है।