लखनऊ। शारीरिक रूप से पीडि़त मरीजों की तरह अब मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक रूप से पीडि़त मरीजों को भी आपातकालीन परिस्थिति में अस्पताल पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। पीडि़त मरीजों को भी गंभीर स्थिति में राष्ट्रीय एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध होगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद मानसिक रोगियों को बेहद फायदा मिलेगा।
सहुलियत मिलेगी
गंभीर रूप से परेशान रोगियों को अस्पताल लाने व ले जाने में परिजनों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन एंबुलेंस के मिलने से सहुलियत मिलेगी। इसको लेकर संयुक्त सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय विकास शील ने सभी राज्यों के प्रधान सचिव एवं मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं।
यह दिया गया निर्देश
पत्र के माध्यम से संयुक्त सचिव विकास शील ने बताया है कि कुछ राज्यों में मानसिक व मनोवैज्ञानिक रूप से पीडि़त मरीजों को आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान करने से मना किया जा रहा है। जबकि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 के तहत शारीरिक रूप से पीडि़त मरीजों की ही तरह मानसिक रोगियों के साथ व्यवहार और समतुल्य चिकित्सकीय सेवा प्रदान करने का प्रावधान है। साथ ही गंभीर परिस्थितियों में मानसिक और मनोवैज्ञानिक रोगियों को शारीरिक रूप से पीडि़त मरीजों की तरह एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य किया गया है।
रेफरल एवं एम्बुलेंस सुविधा होगी अनिवार्य
मानसिक रोगियों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा प्रदान कराने के लिए गंभीर स्थितियों में समय से रेफरल एवं एम्बुलेंस की सुविधा जरूरी होती है। इसको ध्यान में रखते हुए संयुक्त सचिव ने सभी राज्यों में मानसिक रोगियों के लिए रेफरल एवं एम्बुलेंस की सुविधा को अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक रूप से पीडि़त मरीजों को बेहतर एम्बुलेंस सुविधा प्रदान कराने के लिए प्रशिक्षित एम्बुलेंस कर्मियों की तैनाती के भी निर्देश दिए गए हैं।