लखनऊ। जिले के 310 एएनएम सब सेंटर पर सोमवार को एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत किशोरी दिवस मनाया गया। एएनएम सब सेंटर पर 11-14 साल की किशोरियों का वजन, ऊंचाई एवं स्वास्थ्य की जांच की गयी। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे ने दी है। इनमें उन किशोरियों की भी दोबारा जांच की गयी जिनकी 8 मार्च को किशोरी दिवस में की गई थी।
किशोरियों की लम्बाई, वजन व स्वास्थ्य की जांच की
किशोरियों को चिन्हित कर उन्हें आयरन की गोलियां दी गयी व नियमित रूप से सेवन करने की सलाह दी गयी। इसके अतिरिक्त पौष्टिक खान पान के बारे में बताया गया। इसके साथ ही साथ पोषाहार भी बांटा गया। मोहनलाल ब्लॉक के केवली, गौरा टिकरा मस्तीपुर सहित 50 एएनएम सब सेंटर्स पर किशोरियों की लम्बाई, वजन व स्वास्थय की जांच की गयी। मोहनलालगंज ब्लॉक की बाल विकास परियोजना अधिकारी सरोज पाण्डेय ने किशोरियों को सवास्थ्य सम्बन्धी परामर्श देते हुए कहा कि किशोरियां स्वयं व उनके परिवार वाले भी कुपोषण की स्थिति पर ध्यान नहीं देते हैं।
ऐसे खाएं आयरन की गोलियां
कुपोषण की स्थिति का होना सही नहीं है क्योंकि भविष्य में यही किशोरी आगे चलकर मां बनती है। उन्होंने कहा आयरन की गोलियों का सप्ताह में सेवन जरूर करना चाहिए। इन गोलियों को पानी व दूध के साथ लेने के बजाय नींबू पानी, संतरा, आंवला या विटामिन सी युक्त पदार्थों के साथ लेना चाहिए ताकि आयरन का अवशोषण अधिक हो सके।
पौष्टिक भोजन करें
क्वीन मेरी अस्पताल की मुख्य चिकित्सधीक्षिका एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी जैश्वार से किशोरावस्था के दौरान पोषण के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि किशोरियों में इस आयु में पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता अधिक होती है क्योंकि इस दौरान संतुलित पोषक आहार का सेवन शरीर को आने वाले समय में गंभीर बीमारियों जैसे कि हड्डियों की कमजोरी, मोटापा, हृदय रोग, बाद में जीवन में डायबिटीज होने से बचाता है। इस अवस्था में स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन ही करना चाहिए।
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन
पौष्टिक भोजन का मतलब हम अपने घर व गांव के आस-पास स्थानीय खाद्य पदार्थ जो भी आसानी से उपलब्ध हैं, उनका सेवन करें। हमें अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, खनिज पदार्थ, विटामिन, रेशेयुक्त पदार्थ (दाल, चावल, रोटी, मौसमी सब्जियां व फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध व दूध से बने पदार्थ, अंडे, मीट आदि) व पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा मिलने वाली आयरन की नीली गोलियों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
शारीरिक और मानसिक विकास
सही पोषण से शरीर स्वस्थ रहता है, शारीरिक परिपक्वता लाने में मदद करता है, रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ती है और शारीरिक और मानसिक विकास होता है। यदि हम जंक फूड का जैसे पिज्जा, बर्गर, चोकलेट, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करते हैं तो यह स्वादिष्ट तो होते हैं लेकिन पौष्टिकता के नाम पर इनमें कुछ भी नहीं होता है। जंक फूड का सेवन करने से वजन में वृद्धि, मोटापा, माहवारी अनियमितता व पौली सिस्टिक सिंड्रोम (पीएसओएस) की समस्या होती है। पौष्टिक भोजन का सेवन न करने से चक्कर आते हैं, जल्दी ही थकान आ जाती है, बार-बार बीमार पड़ते हैं, शरीर कमजोर पड़ जाता है व सुन्दरता तथा आकर्षण में कमी आती है।
आयरन की गोली खाने से यह होता है
डॉ. जैश्वार ने बताया कि किशोरावस्था में लड़कियों को अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है ताकि माहवारी के दौरान होने वाली खून की कमी की पूर्ति की जा सके। आयरन की कमी होने का एक मुख्य कारण पेट में कीड़े भी होना है। अत: इसे रोकने के लिए अल्बेंडाजोल की गोली हर छ: माह पर खानी चाहिए। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है।