नई दिल्ली। आज हम इस लेख में आपको दिमागी बुखार के बारे में बताने वाले हैं। सबसे पहले तो आप यह जान लीजिए कि दिमागी बुखार जिसे मेनिनजाइटिस भी कहते हैं, इसके तीन रूप होते हैं। इसके तीन रूप और कारण व इलाज के बारे में जानें।
ये हैं तीन रूप
दिमागी बुखार (मेनिनजाइटिस) के तीन रूप हैं। बैक्टीरियल, वायरल और फंगल। बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस सर्दी-खांसी व जुकाम के संक्रमण से फैलता है। एंटीबायोटिक्स से इसका इलाज किया जाता है। वायरल मेनिनजाइटिस मच्छर के काटने से होता है। साधारण बुखार की तरह इसका उपचार होता है। यह ज्यादा खतरनाक बुखार नहीं है। फंगल मेनिनजाइटिस दिमागी बुखार है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को यह अधिक होता है। जानिए इसके कारण व इलाज के बारे में।
बैकबोन व दिमाग पर प्रभाव
मेनिनजाइटिस दिमाग व रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर इनकी मेम्ब्रेन में सूजन का कारण बनता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती जाती है। मेनिनजाइटिस सामान्यतया 10-15 दिन में ठीक हो जाता है लेकिन कारगर इलाज न हो तो मृत्यु और लकवा भी हो सकता है।
बीमारी के कारण
ज्यादा भीड़-भाड़ में संक्रमित रोगी से संपर्क।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना, एड्स व कैंसर रोगी को यह रोग आसानी से हो जाता है।
गर्भवती महिलाओं को दिमागी बुखार का खतरा ज्यादा होता है।
ऐसे बच्चे जिन्हें वैक्सीन न लगाई गई हों, वे अधिक प्रभावित होते हैं।
लक्षण
कंपकंपी व बुखार, सांस आसमान्य होना, लगातार रोना, चेहरे पर छोटे-छोटे दाने, बुखार, उल्टी, गर्दन में अकडऩ, कंपकंपाना,आंखों से पानी बहना और कभी-कभी बेहोशी होना इसके मुख्य लक्षण हैं।
ये है उपचार
मच्छरों से बचाव व टीकाकरण ही इस बीमारी का बेहतर इलाज है। इसका टीका काफी प्रभावी है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इस तरह के रोगी को अपने शरीर को पूरी तरह आराम देना चाहिए और दिमागी बुखार से प्रभावित व्यक्ति को या बच्चों को ज्यादा तेज रोशनी में ना रखें। जिस कमरे में वह रहे वहां शांति हो व उसमें हल्की रोशनी होनी चाहिए। साथ ही डाइट का विशेष ध्यान रखें। लिक्विड डाइट में अनानास, संतरा और मौसमी का जूस ले सकते हैं। ये सिट्रस फू्रट हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।