लखनऊ। जिला अधिकारी ने नादरगंज में पल्स पोलियो में बच्चे छूटने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वहां नियमित डॉक्टर से ही कार्य कराया जाय। यदि वे कार्य नहीं कर पायेंगे तो उन्हें जिले से बाहर भेजने की संस्तुति डीएचएस के माध्यम से कर दी जायेगी। उक्त बातें गुरुवार को कलेक्ट्रेट के एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में पल्स पोलियो अभियान के लिए जिला टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने कही।
भारत को पोलियो मुक्त देश का दर्जा
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त देश का दर्जा प्राप्त हुआ है और हमें लगातार जागरुकता के साथ यह प्रयास करना है कि पोलियो हमारे देश में दोबारा से ना आने पाए। उन्होंने ने कहा कि भारत के पोलियो मुक्त घोषित हो जाने के बाद भी पोलियो संक्रमित देशों विशेष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान से पोलियो के पुन: संक्रमण प्रारंभ होने का हमारे देश में भी खतरा बना हुआ है।
769730 बच्चों का लक्ष्य
उन्होंने कहा इस बार बूथ का समय प्रात: 8 बजे से 4 बजे तक तथा घर-घर टीमों का समय प्रात: 8 से 3 बजे तक रहेगा तथा बी टीम गतिविधि रविवार 30 जून को की जाएगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एम के सिंह ने बताया कि 23 जून के पल्स पोलियो अभियान के लिए कुल 769730 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इनके लिए 2783 पोलियो बूथ बनाए गए हैं, जबकि सोमवार से शुक्रवार तक छूटे हुए बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी जिसके लिए लगभग 2,000 घर-घर टीमों को लगाया जाएगा। इसके अलावा 136 मोबाइल टीम भी लगाई गई है।
16 डिवीजनल अधिकारी नियुक्त
इनकी निगरानी के लिए 567 सुपरवाइजर तथा 16 डिवीजनल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं जो लगातार निरीक्षण का कार्य करते रहेंगे ।इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा सईद अहमद,डा डी के बाजपेयी, डा अजय राजा,डा आर के चौधरी, डा आर वी सिंह,डा उमाशंकर लाल,डा के.पी त्रिपाठी, एन पी एस पी से डा सुरभि त्रिपाठी , यूनिसेफ से डा सौरभ अग्रवाल ,यून एन डी पी से डा नीरज नागर भी उपस्थित थे।