मीरजापुर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं का हाल बेहाल है। छह माह पूर्व पहले बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को अभी तक जननी सुरक्षा योजना के तहत दिये जाने वाले लाभ का भुगतान नहीं किया गया।
127 महिलाओं के खाते में अब तक धनराशि ट्रांसफर नहीं
जननी सुरक्षा योजना के तहत अस्पताल में प्रसव कराने वाली हर ग्रामीण महिला को 14 सौ रुपये और नगर की महिलाओं को एक हजार रुपये का भुगतान किया जाता है। मझवां ब्लॉक और नगर पंचायत में सबसे अधिक प्रसव कछवां सीएचसी में ही कराए जाते हैं। यहां पर बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को सरकारी मदद की धनराशि नहीं मिल पा रही है। यह समस्या एक साल से बनी हुई है। पिछले साल प्रसव करने वाली 1777 महिलाए मां बनीं। जिसमें से 127 महिलाओं के खाते में अब तक धनराशि ट्रांसफर नहीं हो पाई है।
इसलिए खाते में नहीं आई रकम
चिकित्सालय के प्रधान लिपीक सुरेंद्र कनौजिया और ब्लॉक एकाउंट मैनेजर सत्यप्रकाश ने बताया कि प्रसव कराने वाली महिलाओं के नाम से बैंक में खाते नहीं थे, जिससे लाभार्थियों ने आशा द्वारा लिखकर दिया कि खाता न रहने से मैं जननी सुरक्षा का लाभ लेने से इनकार कर रही हूं। इसलिए धनराशि ट्रांसफर नहीं की गई। कछवां सीएससी प्रभारी डॉॅ. सीबीपटेल का कहना है कि खाता खुलवाना विभाग की जिम्मेदारी है।
लाभार्थियों के खाते नहीं खुल पाए
प्रसव के 24 घंटे बाद भुगतान हो जाना चाहिए। इसलिए गर्भवती महिलाओं को पहले चिह्नित कर लिया जाता है। गर्भधारण के छह महीने बाद महिला का बैंक खाता खुल जाना चाहिए। आशा व एएनएम को हर महीने गर्भवती महिलाओं के कितने बैंक खाते खुले, इसकी भी रिपोर्ट संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी को देनी होती है। प्रभारी यह रिपोर्ट सीएमओ को देते हैं। मॉनीटरिंग में लापरवाही होने से लाभार्थियों के खाते नहीं खुल पाए।