तीसरी बार चौबेपुर सीएचसी से फेंकी गयी थी दवाइयां
कानपुर। सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीजों के इलाज को लेकर चौबेपुर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। मंगलवार को तीसरी बार यहां से सरकारी दवाएं फेंके जाने का मामला सामने आया है। मामला संज्ञान में आने के बाद बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) ने जांच बैठा दी। इसके साथ ही अस्पताल के दो कर्मचारियों का तबादला कर दिया।
फार्मासिस्ट और एएनएम का तबादला
स्वास्थ्य विभाग गरीबों को मुफ्त दी जाने वाली दवाइयों को फेंककर सरकार की किरकिरी कराने में लगा है। ऐसा ही मामला मंगलवार को चौबेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के पास एक बार फिर से सामने आया था। इसे संज्ञान में लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार शुक्ला ने बुधवार को चौबेपुर सीएचसी में कार्यरत फार्मासिस्ट केके त्रिपाठी और एएनएम मोनी को प्रथम दृष्टा दोषी मानते हुए तबादला कर दिया।
समिति का गठन
सीएमओ ने बताया कि केके त्रिपाठी का ककवन ब्लॉक तबादला किया गया है। इसी तरह एएनएम मोनी को भीतरगांव के उपकेन्द्र में स्थानांतरित किया गया है। इसके साथ ही अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रशासन) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। जांच समिति को निर्देशित किया गया है कि तीन दिन के अंदर प्रकरण की जांच कर आख्या उपलब्ध कराये। सीएमओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फेंकी गयी थी यह दवाएं
नाट फॉर सेल लिखा हुआ था
सीएचसी के पास जो दवाएं फेंकी गयी थी, उनमें नाट फॉर सेल लिखा हुआ था और सभी दवाएं बिना एक्सापयर तिथि की हैं। फुटेज में देखा गया कि टेबलेट सिप्रोफ्लॉक्सिन 500 एमजी बैच नंबर बीटी 8114 एक्सपायर तिथि 04/2020, टेबलेट कैल्शियम व विटामिन डी थ्री बैच नंबर ओएलजेड सेवन यूबी एक्सपायर तिथि 03/ 2019, सिरप रेलसर जेल बैच नंबर 73170050 एक्सपायर तिथि 10/2021, कैप्सूल ल्यूपीजाइम बैच नंबर ए 180045 एक्स एक्सपायर तिथि 08/2019 आदि हैं। इसके साथ ही अन्य जीवनरक्षक व वृद्धजनों, अशक्त के काम आने वाली औषधियां भारी मात्रा में पाई गई। इनमें ज्यादातर उपयोगी औषधियां है।