लखनऊ। गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में मरीज की मौत से गुस्साए परिजन ने डॉक्टर को ही पीट दिया। परिजन ने डॉक्टर को दरवाजा बंदकर पीटा है। मामला शांत ना होने पर डॉक्टर ने 100 नंबर डायल पर पुलिस को सूचना दी तब जाकर मामला शांत हुआ। करीब एक घंंटे तक हंगामा होने के चलते वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों को खासी दिक्कतें हुई। इस दौरान मरीजों का इलाज प्रभावित रहा। परिजन ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मरीज को समुचित इलाज उपलब्ध नहीं कराया।
गले का ट्यूमर फट चुका था
लखनऊ निवासी महेंद्र (32) को गले का कैंसर था। गुजरे पांच साल से लोहिया संस्थान में मरीज का इलाज चल रहा था। सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशीष सिंघल की देखरेख में इलाज चल रहा था। शनिवार दोपहर मरीज की तबीयत बिगड़ गई। परिवारीजन मरीज को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने मरीज को बेड 24 पर भर्ती कर इलाज शुरू किया। वार्ड में सीनियर रेजिडेंट डॉ. विमलेश ठाकुर और डॉ. अखलाक ने मरीज का इलाज शुरू किया।
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को बेहद गंभीर हालत में लाया गया था। परिवारीजनों को मरीज की तबीयत के बारे में पूरी जानकारी दे दी थी। मरीज के गले का ट्यूमर फट चुका था, इसलिए उसमें से रक्तस्राव हो रहा था। रक्त को रोकने के लिए दवाएं दी गईं। कीमोथेरेपी भी चढ़ाई गई। इसके बावजूद रविवार सुबह करीब नौ बजे मरीज की सांसें थम गईं।
महिला तीमारदार भिड़ गई डॉक्टर से
मरीज की मौत पर भड़के तीमारदारों ने वार्ड में हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि वार्ड में मौजूद सीनियर रेजिडेंट डॉ. विमलेश से महिला तीमारदार भिड़ गई। महिलाओं ने डॉक्टर की पिटाई कर दी। इसमें डॉक्टर की टी-शर्ट भी फट गई। डॉक्टर को बचाने के लिए महिला कर्मचारी संगीता, नेहा, ज्योति सामने आए। महिलाओं ने कर्मचारियों से अभद्रता की। हाथापाई की। इसमें महिला कर्मचारियों के कपड़े फट गए। आरोप हैं कि परिवारीजनों ने कुर्सी, मेज समेत व उपकरण आदि को क्षतिग्रस्त कर दिया।
सीनियर रेजीडेंट डॉ. अखलाक ने नाराज तीमारदारों को समझाने की कोशिश की लेकिन जब तीमारदार बात सुनने को तैयार नहीं हुए तो उन्होंने 100 नम्बर मिलाकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया। मरीज की मौत के बाद वार्ड में करीब एक घंटे तक हंगामा चलता रहा। तीमारदारों ने भीतर से दरवाजा बंद कर लिया था। इसकी वजह से तीमारदार बाहर से भीतर नहीं आ सके।