पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर को पिछले माह बीमारी के चलते एम्स में एडमिट किया गया था। यहां इलाज कराने के बाद एम्स से छुट्टी दे दी गई, जिसके बाद पार्रिकर अब घर में ही समय बिता रहे हैं। उनकी बीमारी का खुलासा गोवा सरकार के हेल्थ मिनिस्टर विश्वजीत राणे ने किया है। बताया गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर को पैंक्रिएटिक कैंसर है।
डॉक्टर ने बताई ये बात
पिछले 10 साल से कैंसर का इलाज कर रहे सीएचएल हॉस्पिटल के सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. तनुज श्रीवास्तव ने बताया कि पैंक्रियाज में एक्सोक्राइन कैंसर जानलेवा होता है। अधिकांश केस में इसका पता एडवांस स्टेज पर पहुंचने के बाद ही होता है क्योंकि इसके होने पर कोई खास संकेत बॉडी में देखने को नहीं मिलते। इसका एकमात्र इलाज सर्जरी से संभव है लेकिन सर्जरी तभी की जा सकती है, जब सर्जरी करने की कंडीशन हो।
सर्जरी न होने पर इस कैंसर के मरीज 6 से 8 माह जी जाएं तो बड़ी बात होती है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी भी कहती है कि इस कैंसर के डायग्नोज होने के 5 साल बाद तक महज 8.2 परसेंट मरीज ही जिंदा रहते हैं। इन सबके बीच हम बता रहे हैं यह कैंसर क्या होता हैए क्यों होता है और इसके संकेत क्या होते हैं।
यह होता है पैंक्रिएटिक कैंसर
पैंक्रिएटिक कैंसर ऐसी बीमारी हैए जिसमें पैंक्रियास (अग्नाश्य) के टिशू में कैंसर की सेल्स बनती हैं। पैंक्रियाज एक ग्रंथि होती है जो पेट के पाचन तंत्र का हिस्सा है। यह पेट के ऊपरी भाग में रीढ़ की हड्डी के सामने होती है। पैंक्रियाज डाइजेस्टिव जूस और हर्मोंस बनाती हैए जो ब्लड शुगर को रेग्युलेट करते हैं। एक्सोक्राइन पैंक्रियाज सेल्स डाइजेस्टिव सेल्स बनाती हैं जबकि एंडोक्राइन पैनक्रियाज सेल्स हार्मोंस बनाती हैं। पैंक्रियाज के अधिकार कैंसर एक्सक्राइन सेल्स से ही शुरू होते हैं।
यह है इलाज
. पैंक्रिएटिक कैंसर के कई इलाज हैं जैसे सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडिएशन थैरेपी आदि।
. कैंसर को खत्म करने के लिए खास ड्रग्स दिए जाते हैं।
. वहीं थैरेपी के जरिए कैंसर सेल्स को खत्म करने की कोशिश की जाती है।
. सर्जरी ट्यूमर को हटाने के लिए की जाती है।