लखनऊ। लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने शनिवार को अस्तित्व बचाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। बता दें कि यह प्रदर्शन लोहिया अस्पताल का डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में विलय को लेकर किया गया है।
कर्मचारियों का कहना है कि 20 साल के दौरान लोहिया अस्पताल ने तमाम शोहरत हासिल की, कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत कर मरीजों की सेवा की। यही वजह है कि प्रदेश ही नहीं बल्कि नेपाल जैसे देश से भी बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल आकर इलाज करा रहे हैं। बीते दो साल के दौरान अस्पताल में कई नई योजनाएं शुरू कर मरीजों को बेहतर इलाज दिया।
नहीं लिया गया सही निर्णय
लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष देश दीपक त्रिपाठी व संगठन मंत्री राजेश शुक्ला ने बताया कि अस्पताल के तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों पैरामेडिकल, नर्सिंग, लिपिक और चतुर्थ श्रेणी (आउटसोर्सिंग) के कर्मचारियों के बारे में अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई सही निर्णय नहीं लिया गया है। कर्मचारी वर्ग को लेकर संशय की स्थिति है। सभी कर्मचारी कोई निर्णय न लिए जाने से भयभीत हैं। मांग है कि लोहिया कर्मचारियों के बारे में जल्द ठोस और सकारात्मक निर्णय लिया जाए। यहां के सभी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी (आउटसोर्सिंग) कर्मचारियों को संस्थान में पूर्ण रूप से विलय की प्रस्रि5या में रखा जाए।
29 अक्टूबर से एक घंटे विरोध
मांगों को अनदेखा किए जाने पर कर्मचारियों ने शनिवार को दोपहर में गेट मीटिंग कर प्रदर्शन के जरिए विरोध जताया। नेताओं का कहना है कि 29 अक्तूबर से रोजाना काला फीता बांधकर सभी संवर्ग के कर्मचारी एक घंटे अतिरिक्त काम करेंगे। साथ ही 10 नवंबर से दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जाएगा। जल्द मांग पर निर्णय लेकर सार्थक प्रयास शासन-प्रशासन ने नहीं किया तो बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा।